उत्तर प्रदेश विधानमंडल की पहली बैठक आठ जनवरी 1887 को प्रयागराज के कंपनी बाग स्थित पब्लिक लाइब्रेरी में हुई थी. इस ऐतिहासिक बैठक के 134 साल पूरे होने पर आठ जनवरी को एक बार फिर से इसकी यादें ताजा की जाएंगी.
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मो.गुफरान/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश विधानमंडल की पहली बैठक आठ जनवरी 1887 को प्रयागराज के कंपनी बाग स्थित पब्लिक लाइब्रेरी में हुई थी. इस ऐतिहासिक बैठक के 134 साल पूरे होने पर आठ जनवरी को एक बार फिर से इसकी यादें ताजा की जाएंगी. इस मौके पर ऐतिहासिक पब्लिक लाइब्रेरी में प्रयाग गौरव अनुभूति आयोजन समिति के सदस्यों की ओर से एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा. जिसमें 134 साल पहले सन 1887 में यूपी लेजिस्लेटिव काउंसिल की पहली बैठक की यादें फिर से ताजा होंगी.
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डिप्टी सीएम मौर्य होंगे शामिल
इस कार्यक्रम में सूबे के डिप्टी सीएम केशव मौर्य भी शिरकत करेंगे. योगी सरकार बनने के बाद वर्ष 2018 में विधानमंडल की पहली बैठक की ऐतिहासिकता को फिर से याद करने के लिए यूपी विधानसभा का एक विशेष सत्र भी यहां बुलाने की चर्चा हुई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से यह संभव नहीं हो सका. हालांकि योगी सरकार बनने के बाद हर साल यहां पर यूपी विधान मंडल की पहली बैठक की याद में कार्यक्रम जरूर किए जाते रहते हैं.
लखनऊ नहीं इलाहाबाद में हुई थी पहली बैठक
दरअसल बहुत कम लोगों को ये बात पता होगी कि यूपी विधानसभा की पहली बैठक राजधानी लखनऊ नहीं बल्कि इलाहाबाद में हुई थी. यह बैठक कंपनी बाग स्थित राजकीय पब्लिक लाइब्रेरी में हुई थी. उस समय यूपी राज्य का नाम नार्थ वेस्टर्न प्राविंसेज़ एन्ड अवध कहा जाता था. विधानमंडल का नाम उस वक्त लेजिस्लेटिव काउंसिल होता था. काउंसिल की पहली बैठक 1887 में 134 साल पहले आठ जनवरी को हुई थी. इस पब्लिक लाइब्रेरी का निर्माण 1876 में गौथिक शैली में कराया गया है.
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