Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार देते हुए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. कोर्ट ने एसबीआई को 6 मार्च तक चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए भी कहा है. कोर्ट  ने इसे आरटीआई का उल्लंघन भी बताया है. बीते 5 साल में भारतीय जनता पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा मिला है. 


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द इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017-2018 और 2021-2022 के दौरान भारतीय स्टेट बैंक के कुल 9,208.23 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड बिके. बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड से कुल 5,271.97 करोड़  की फंडिंग हुई है. वहीं, कांग्रेस को 952.9 करोड़ का डोनेशन मिला. ममता बनर्जी की टीएमसी को 767.88, और बीजू जनता दल (BJD) को 622 करोड़  मिले. 


इसके अलावा डीएमके को 431.50 करोड़, शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) को 51.5 करोड़ रुपये, आम आदमी पार्टी (AAP) को 48.83 करोड़ और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 24.40 करोड़ रुपये की फंडिंग इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए हुई.


क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड योजना?
इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को 2018 में शुरू किया गया था. इसके जरिए लोग राजनीतिक दलों को चंदा दे सकते हैं. हर साल जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर महीने में 10 दिनों की अवधि के लिए भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं पर चुनावी बॉन्ड की बिक्री होती है. 


SC on Electoral Bonds: इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई तत्काल रोक कहा, चुनावी चंदा RTI का उल्लंघन


 


एडीआर ने जारी की रिपोर्ट 
वहीं, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने बुधवार को राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की रिपोर्ट जारी की है. इसके मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 में  राष्ट्रीय पार्टियों को कुल 850.43 करोड़ रुपए डोनेशन मिले हैं.  इसमें भारतीय जनता पार्टी को करीब 720 करोड़ रुपये डोनेशन मिले हैं. यह पैसा कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई (एम) और नेशनल पीपुल्स पार्टी को मिले चंदे से पांच गुना ज्यादा है. 


बीजेपी को सबसे ज्यादा डोनेशन
बता दें कि जो पार्टी चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड हैं. उनको वित्तीय वर्ष में 20 हजार से ज्यादा चंदा मिलने पर जानकारी देनी होती है. ADR के मुताबिक साल  2022-23 में कुल 12 हजार 167 डोनेशन किए गए. इसमें से 7,945 डोनेशन से भारतीय जनता पार्टी को 720 करोड़ से ज्यादा रकम मिली है. वहीं कांग्रेस को 894 डोनेशन से सिर्फ 79.92 करोड़ रुपये मिलने  की घोषणा की गई है. 


किस राज्य से सबसे ज्यादा पैसा
ADR के अनुसार राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों को सबसे ज्यादा 276.20 करोड़ रुपये का डोनेशन दिल्ली से मिला है. इसके बाद गुजरात से 160.50 करोड़ रुपए मिले जबकि 96.273 करोड़ रुपए के चंदा महाराष्ट्र से मिला. 


बसपा को केवल 20 हजार का चंदा
बहुजन समाज पार्टी की ओर से घोषणा की गई है कि उसे 2022-23 के दौरान 20 हजार रुपए से ज्यादा का कोई चंदा नहीं मिला. बता दें कि बीते 17 साल से BSP यही घोषणा करती आ रही है. 


बीजेपी के चंदे में इजाफा
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में राजनीतिक दलो को मिलने वाले कुल चंदा 91.701 करोड़ रुपये बढ़ा. यह बीते साल के मुकाबले 12.09 प्रतिशत ज्यादा है. बीजेपी का डोनेशन पिछले साल के 614.62 करोड़ रुपए के मुकाबले 17.12 फीसदी बढ़कर 719.85 करोड़ हो गया. हालांकि 2019-20 में मिले चंदे से तुलना करें तो यह 41.49 प्रतिशत कम है. 


कांग्रेस और अन्य दलों का चंदा घटा
कांग्रेस को मिलने वाला चंदा बीते साल मिलने वाले डोनेशन से कम हुआ है. कांग्रेस को 2021-22 में 95.45 करोड़ डोनेशन मिले थे, जो 
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान घटकर 79.92 करोड़ रुपए रह गए. यानी पार्टी के चंदे में करीब 16.27 फीसदी की कमी आई. इसके अलावा आम आदमी पार्टी को 1.14 करोड़ रुपए मिले जो बीते साल से 2.99 फीसदी कम है. वहीं, CPI(M) को 2022-23 के दौरान 3.9 करोड़ चंदा मिला, यह पिछले फाइनेंशियल ईयर की तुलना में 39.56 फीसदी कम है.