चुनाव भारत का अंदरूनी मामला है, उनके प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं... किस पर भड़क गए उमर अब्दुल्ला
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चुनाव भारत का अंदरूनी मामला है, उनके प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं... किस पर भड़क गए उमर अब्दुल्ला

Jammu kashmir Elections 2024: विधानसभा चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में 26 सीट पर बुधवार को मतदान हो रहा है. मौजूदा चुनाव को देखने के बारे में विदेश मंत्रालय के न्योते पर दिल्ली स्थित दूतावासों से 16 राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को कश्मीर पहुंचा.

 

चुनाव भारत का अंदरूनी मामला है, उनके प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं... किस पर भड़क गए उमर अब्दुल्ला

Omar Abdullah: नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में जारी विधानसभा चुनाव को देखने के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडल को बुलाने के लिए मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'चुनाव भारत का अंदरूनी मामला है और हमें उनके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. अब्दुल्ला ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि विदेशियों को यहां चुनाव की जांच करने के लिए क्यों कहा जाना चाहिए?' 

उन्होंने कहा, 'जब दूसरे देशों की सरकारें इस पर टिप्पणी करती हैं तो भारत सरकार कहती है कि यह भारत का अंदरूनी मामला है और अब अचानक वे चाहते हैं कि विदेशी पर्यवेक्षक यहां आएं और हमारे चुनावों को देखें.' उन्होंने कहा कि गाइडेड टूर अच्छी बात नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र इन चुनावों में लोगों की भागीदारी का क्रेडिट लेना चाहता है जो यहां के लोगों के साथ विश्वासघात है. 

'हमें उनके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है'

विधानसभा चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में 26 सीट पर बुधवार को मतदान हो रहा है. मौजूदा चुनाव को देखने के बारे में विदेश मंत्रालय के न्योते पर दिल्ली स्थित दूतावासों से 16 राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को कश्मीर पहुंचा. अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हमारे लिए आंतरिक मामला है और हमें उनके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.

उमर ने कहा, "यह भागीदारी (मतदान में लोगों की) भारत सरकार की वजह से नहीं है बल्कि उसके किए गए सभी कामों के बावजूद है. उन्होंने लोगों को अपमानित किया है. उन्होंने लोगों को हिरासत में लेने और परेशान करने के लिए सरकार की सभी मशीनरी का इस्तेमाल किया है.' उन्होंने कहा, इसके बावजूद लोग अपने घरों से निकल रहे हैं और चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं. इसलिए यह ऐसी बात नहीं है जिस पर भारत सरकार को जोर देना चाहिए. लेकिन फिर भी, वे ऐसा कर रहे हैं.'

'सरकार चाहती है पूरा क्रेडिट'

अब्दुल्ला ने वोट डालने के बाद कहा कि अगर भारत जम्मू-कश्मीर पर दूसरे देशों से दखल या टिप्पणी नहीं चाहता है तो फिर उन्हें यहां क्यों बुलाया गया? उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में भागीदारी के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को श्रेय दिया जाना चाहिए, लेकिन भारत सरकार चाहती है कि सारा श्रेय उसे मिल जाए, जो यहां के लोगों के साथ विश्वासघात होगा. 

उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर के लोग चुनाव के लिए मतदान इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे भारत सरकार से खुश हैं. भारत सरकार के उन सारे प्रयासों के बावजूद वे चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं..., वरना तो उन्होंने पिछले छह-सात वर्ष में लोगों के जीवन को कठिन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

एनसी नेता ने पूछा कि अगर दूसरे देशों के राजनयिकों को आमंत्रित किया जा सकता है तो विदेशी पत्रकारों को इजाजत क्यों नहीं दी गई. उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव कवर करने की इजाजत के लिए आवेदन करने वाले किसी भी विदेशी पत्रकार को इसकी इजाजत नहीं दी गई.

'गाइडेट टूर कराना अच्छी बात नहीं'

 लेकिन इन राजनयिकों को पर्यटकों की तरह गाइडेड टूर कराया गया जो कि अच्छी बात नहीं है. जम्मू-कश्मीर में 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं. कुल 10 साल के अंतराल पर यह विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. एनसी उपाध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने चुनाव के लिए 10 साल इंतजार किया और पहले चरण के अच्छे परिणाम के बाद दूसरे चरण में भी अच्छे मतदान की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘‘चाहे कोई भी पार्टी हो, राजनीतिक रैलियों में जोश उत्साहजनक रहा है.अब हमें उम्मीद है कि यह उत्साह मतदाताओं की संख्या में भी दिखेगा. उनसे पूछा गया कि दूसरा चरण उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है क्योंकि वह गांदेरबल और बडगाम की दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. इस पर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव के सभी दिन महत्वपूर्ण हैं.

'चुनाव के तीनों चरण महत्वपूर्ण हैं'

उन्होंने कहा, 'यह मेरे बारे में नहीं है, यह पूरी पार्टी के बारे में है. पहला चरण उतना ही महत्वपूर्ण था, तीसरा चरण भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा. हां, इसमें मेरी व्यक्तिगत भागीदारी है, लेकिन पार्टी के लिए तीनों चरण महत्वपूर्ण हैं.' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'उम्मीद पे दुनिया कायम है.' उन्होंने कहा, 'मैं काफी आशावादी व्यक्ति हूं. बाकी सब पहले तो ईश्वर के हाथ में है और फिर मतदाताओं के हाथ में है, तो देखते हैं.' पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के गांदेरबल और बडगाम में फर्जी मतदान के आरोप लगाए जाने के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी ने दीवार पर लिखी इबारत समझ ली है.

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