Azam Khan News: आजम खान एंड फैमिली को जेल, फर्जी जन्म प्रमाणपत्र केस में सजा का ऐलान होते ही गिरी गाज
Abdullah Azam : साल 2017 में अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. चुनाव में जीत मिलने के बाद अब्दुल्ला के उम्र को लेकर सवाल खड़ा किया गया था.
Abdullah Azam : समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अब बेटे और आजम की पत्नी को जन्म प्रमाणपत्र मामले में तगड़ा झटका लगा है. सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने तीनों को दोषी करार देते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई है.
एमपी-एमएलए कोर्ट ने तीनों को माना दोषी
एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने अब्दुला आजम को 2 जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी ठहराया है. इसके बाद आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुला आजम खान को हिरासत में ले लिया गया. एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद तीनों को आरोपी करार दिया है. आजम खान परिवार सहित कोर्ट से ही जेल भेजे गए.
भाजपा विधायक ने दर्ज कराई थी शिकायत
बता दें कि भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने साल 2019 में गंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद अब्दुल्ला की विधायकी चली गई थी. इस मामले में सपा नेता आजम और उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब आजम खान के सियासत पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
क्या है मामला
गौरतलब हो कि साल 2017 में अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. चुनाव में जीत मिलने के बाद अब्दुल्ला के उम्र को लेकर सवाल खड़ा किया गया था.
ये लगे थे आरोप
अब्दुल्ला के विरोधी प्रत्याशी नवाब काजिम का आरोप था कि अब्दुल्ला का डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 1993 है, जबकि जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को बताया गया था. हाई कोर्ट में अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया था. इसके बाद स्वार सीट से उनकी विधायकी चली गई थी.
एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से लगा था झटका
इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के पक्ष की ट्रांसफर एप्लीकेशन को खारिज कर दिया था. आजम ने पत्नी और बेटे के खिलाफ दर्ज मुकदमों को यूपी से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था.
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