Bageshwar: बागेश्वर उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व प्रत्याशी रंजीत दास हुए भाजपा में शामिल
Bageshwar By Election: उत्तराखंड की राजनीतिक गलियारों में भयंकर हलचल मची हुई है. कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निजी सचिव रहे रंजीत दास भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. बागेश्वर उपचुनाव से ठीक पहले इसे कांग्रेस को बड़ा झटका माना जा रहा है.
Bageshwar by election: बागेश्वर उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा ने प्रदेश की राजनीति में बड़ा उलटफेर कर दिया है. बागेश्वर विधानसभा से 2022 में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रंजीत दास बीजेपी में शामिल हो गए हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिलने के बाद उनको भाजपा कार्यलय में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विधिवत ज्वाइनिंग करवाई. इस मौके पर वहां भाजपा विधायक खजाना दास, विधायक विनोद चमोली, विधायक शक्ति लाल शाह और प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठरी रहे मौजूद.
खबर विस्तार से
रंजीत दास 2022 में बागेश्वर विधानसभा से कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ चुके हैं. उससे पहले रंजीत दास पूर्व सीएम हरीश रावत के निजी सचिव भी रह चुके हैं. कांग्रेस पार्टी में अच्छी पकड़ रखने वाले रंजीत दास के बीजेपी में जाने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है. रंजीत दास आज यानी 12 अगस्त को सुबह मुख्यमंत्री से मिले और उसके बाद बीजेपी प्रदेश कार्यलय में उनकी विधिवत ज्वाइनिंग करवाई गई. पूर्व मंत्री चंदन राम दास के निधन होने से खाली हुई बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. उपचुनाव से ठीक पहले रंजीत दास का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. हालांकि रंजीत दास को भाजपा टिकट देगी या नहीं यह अभी तय नहीं हुआ है.
क्यों हो रहे हैं उपचुनाव
सूत्रों के प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा अभी तक चंदन राम दास के परिवार के ही किसी सदस्य को टिकट देने विचार कर रही है. इस उपचुनाव में पार्टी सहानुभूति कार्ड खेल सकती है. बीजेपी इससे पहले भी कई बार ऐसा कर चुकी है. माना जा रहा है कि पार्टी ने तीन नामों का पैनल तैयार किया है. इस पैनल में पूर्व विधायक और मंत्री चंदनराम दास की पत्नी पार्वती दास और उनका बेटा गौरव दास शामिल है. पूर्व विधायक दिवंगत चंदनराम दास की पत्नी को टिकट मिलने की प्रबल संभावना है.
पिछले चुनाव का लेखा- जोखा
बागेश्वर विधानसभा सीट कई सालों से सुरक्षित सीट है. इस सीट पर चंदनराम दास का अच्छा दबदबा माना जाता है. इस सीट से वो लगातार 4 बार विधायक रहे हैं. 2022 में चंदनराम दास ने कांग्रेस के प्रत्याशी रंजीत दास को 12141 मतों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में चंदनराम दास को 32211 मत जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी रंजीत दास को 20017 मत मिले. चंदनराम दास 2007 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे.