पूर्वांचल में गरमाई ब्राह्मण राजनीति, हरिशंकर तिवारी के चबूतरे पर चला बुलडोजर तो सरकार और सपा आमने-सामने
Akhilesh Yadav on Harishankar Tiwari : हरिशंकर तिवारी के पैतृक गांव टांडा में उनकी प्रतिमा लगाने को लेकर बनाए गए चबूतरे को बुलडोजर से तोड़ दिया गया. अब इसे ब्राह्मणों के मान-सम्मान से जोड़कर देखा जा रहा है.
Akhilesh Yadav on Harishankar Tiwari : पूर्वांचल की सियासत में कभी बड़ा चेहरा रहे पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी को लेकर सियायत गरमा गई है. हरिशंकर तिवारी के पैतृक गांव टांडा में उनकी प्रतिमा लगाने को लेकर बनाए गए चबूतरे को बुलडोजर से तोड़ दिया गया. अब इसे ब्राह्मणों के मान-सम्मान से जोड़कर देखा जा रहा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी प्रशासन के एक्शन पर भड़क गए हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साधा निशाना
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, अब तक भाजपा का बुलडोज़र दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है. चिल्लूपार के 7 बार विधायक रहे उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. श्री हरिशंकर तिवारी जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा के प्रस्तावित स्थापना स्थल को भाजपा सरकार द्वारा तुड़वा देना, बेहद आपत्तिजनक कृत्य है. प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण हो, जिससे जयंती दिवस 5 अगस्त को प्रतिमा की ससम्मान स्थापना हो सके. निंदनीय!
पूर्वांचल के सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरों में से एक
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने इस पर कड़ी निंदा कर एक बार फिर से ब्राह्मणों को साधने की जुगत में लग गए हैं. अखिलेश यादव ने इससे पहले विधानसभा में माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाकर ब्राह्मण हितैषी बनने की कोशिश की थी. अब पूर्वांचल के ब्राह्मण नेता रहे हरिशकंर तिवारी की प्रतिमा लगाए जाने वाले चबूतरे को तोड़े जाने के बाद बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठाकर ब्राह्मण वोटों को साधने की मंशा से देखा जा रहा है. बता दें कि हरिशंकर तिवारी और माता प्रसाद पांडेय दोनों पूर्वांचल से ही आते हैं.
हरिशंकर तिवारी के बेटे ने लगाए ये आरोप
वहीं, हरिशंकर तिवारी के बेटे भीष्म शंकर तिवारी ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, यह राजनैतिक अराजकता है....प्रशासनिक गुंडई है..या सत्ता का अहंकार...नीचता निकृष्टता की पराकाष्टा या व्यक्तिगत शत्रुता..ब्राह्मण स्वाभिमान को चुनौती या समूची इंसानियत की हत्या..यह निर्णय समय पर चिल्लूपार विधानसभा के लोग तो करेंगे ही साथ ही प्रदेश के लोगों को भी करना है.
कौन थे हरिशंकर तिवारी?
पूर्वांचल के ब्राह्मणों में हरिशंकर तिवारी बड़ा नाम है. हरिशंकर तिवारी यूपी सरकार में पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता रहे. हरिशंकर तिवारी का गोरखपुर से सटे संतकबीरनगर की राजनीति में दिलचस्पी थी. हरिशंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा से सात बार के विधायक थे. 1996 से 2007 तक उत्तर प्रदेश की सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रहे. हरिशंकर तिवारी ने अपने एक बेटे विनय शंकर तिवारी को चिल्लूपार विधानसभा की विरासत दी तो वहीं दूसरे बेटे भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी को संतकबीरनगर लोकसभा की विरासत सौंपी. सपा ने कुशल तिवारी को 2024 लोकसभा के लिए डुमरियागंज से टिकट दिया था.
यह भी पढ़ें : नई संसद की छत से टपक रहा बारिश का पानी, अखिलेश यादव ने सरकार पर बोला हमला
यह भी पढ़ें : UP Politics: 'राहुल गांधी के दरबारी'... अखिलेश यादव को उन्हीं का पैंतरा इस्तेमाल कर करारे हमले कर रहे केशव प्रसाद मौर्य