विशाल सिंह लखनऊ: अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्णय पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रेस कॉफ्रेंस के सामने अपना पक्ष रखा. मायावती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार संशोधन नहीं लाई है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण के उप वर्गीकरण को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. बीजेपी, कांग्रेस, सपा जैसे बड़े दलों की चुप्पी के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने जोरदार हमला इन दलों पर बोला है. मायावती ने सबसे पहले एससी-एसटी वर्ग में क्रीमीलेयर के मामले में मोदी सरकार को निशाने पर रखा. सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण में आरक्षण को मंजूरी देने और उसमें क्रीमीलेयर न होने की बात केंद्र सरकार ने कही है. इस पर मायावती ने कहा, क्रीमीलेयर को लेकर इसी सत्र में संविधान संशोधन न लाकर सत्र को स्थगित करना एक सोची समझी साजिश है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब बना रहेगा. पीएम मोदी ने अभी तक आधिकारिक तौर और किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया है.


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केंद्र की सरकारों ने समय समय पर आरक्षण को खत्म करने की साजिश की है.सरकारी संस्थानों को निजी हाथों में सौंप कर लाखों की संख्या में नौकरी खत्म की जा रही है. आरक्षण से मिलने वाले लाभ और नौकरी में आरक्षण में व्यवस्था न करना, बड़ी साजिश है. देश के सभी एससी-एसटी वर्ग के सांसद, विधायक और अन्य पद पर बैठे लोगों को चौकन्ना रहने की जरूरत है. अगर ऐसा रहा तो आने वाले समय में आरक्षण को खत्म कर दिया जाएगा. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. एससी एसटी वर्ग के लोग जब अदालतों में रहेंगे तो इस वर्ग के लिए फैसला सही दे सकेंगे.


मायावती ने  कहा कि केंद्र को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर संसद में कानून लाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ.  उन्होंने कहा कि नौकरियों को खत्म कर संविदा पर कर्मचारी रखना आरक्षण को खत्म करने की ही कोशिश है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और  कांग्रेस आरक्षण के खिलाफ रही है. मायावती ने मांग की है कि अब समय की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के पदों पर भी एससी-एसटी आरक्षण लागू किया जाए.


आरक्षण खत्म करने की साजिश
मायावती ने कहा,एससी-एसटी के लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. एससी-एसटी में क्रीम लेयर के बहाने आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है. प्रधानमंत्री जी हवा हवाई आश्वासन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को संविधान संशोधन विधेयक लाना चाहिए. पीएम मोदी ने सांसदों को क्रीमी लेयर लागू न करने का भरोसा दिया है. संसद का सत्र खत्म हुआ लेकिन विधेयक नहीं आया. ऐसा लगता है कि आरक्षण को निष्प्रभावी किया जा रहा है. हमारी मांग है कि संशोधन लाकर कोर्ट का फैसला पलटा जाए.


आपको बता दें कि सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने भी SC/ST समुदाय को आरक्षण देने के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी. सभी ने पीएम के सामने मांग रखी थी कि किसी भी कीमत पर उन्हें मिलने वाला आरक्षण प्रभावित ना होने पाए.


जानें मायावती ने क्या कहा? 


प्रधानमंत्री जी द्वारा आज उनसे भेंट करने गए बीजेपी के SC/ST सांसदों को यह आश्वासन देना कि SC/ST वर्ग में क्रीमी लेयर को लागू नहीं करने तथा एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी माँगों पर ग़ौर किया जाएगा, यह  उचित व ऐसा किए जाने पर इसका स्वागत।



अच्छा होता कि माननीय सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष बहस में केन्द्र सरकार की तरफ से एटार्नी जनरल द्वारा आरक्षण को लेकर एससी व एसटी में क्रीमी लेयर लागू करना तथा इनका उप-वर्गीकरण किये जाने के पक्ष में दलील नहीं रखी गयी होती, तो शायद यह निर्णय नहीं आता।



सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय को संविधान संशोधन के जरिए जब तक निष्प्रभावी नहीं किया जाता तब तक राज्य सरकारें अपनी राजनीति के तहत वहाँ इस निर्णय का इस्तेमाल करके SC/ST वर्ग का उप-वर्गीकरण व क्रीमी लेयर को लागू कर सकती हैं। अतः संविधान संशोधन बिल इसी सत्र में लाया जाए.


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