अजित सिंह/लखनऊ: कानपुर नगर के बिकरू कांड में विकास दुबे के खास माने जाने वाले अमर दुबे का एनकाउंटर करने वाले चार पुलिस कर्मियों को वीरता पदक दिया जाएगा. 15 अगस्त को लखनऊ में मुख्यमंत्री के द्वारा पुलिस कर्मियों को वीरता पदक प्रदान किया जाएगा. निवर्तमान मौदहा कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार शुक्ला, उपनिरीक्षक प्रमोद कुमार सिंह, आरक्षी पंकज कुमार व कप्तान सिंह को वीरता पदक के लिए चयनित किया गया है. 


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कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात को गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर गोलियों की बौछार हुई थी. इसमें डीएसपी समेत 8 पुलिसवालों की बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था. इस वारदात के बाद हरकत में आई यूपी पुलिस ने विकास दुबे समेत आधा दर्जन बदमाशों का एनकाउंटर कर दिया था. एनकाउंटर में विकास दुबे का भतीजा और खास अमर दुबे भी मार गिराया गया था.


इसके अलावा एसटीएफ के सिपाही विकास कुमार, एसआई राकेश कुमार सिंह चौहान, अजय कुमार चौधरी, सिपाही हरिओम सिंह के नाम भी चयनित किए गए हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्कृष्ट विवेचना के लिए यूपी के दस पुलिस अधिकारी 'गृहमंत्री सम्मान' के पदक से सम्मानित किए जाएंगे. जिसमें गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले आतंकी मुर्तजा के विरुद्ध मुकदमे की विवेचना करने वाले एटीएस के तत्कालीन डीएसपी संजय वर्मा तथा एसआई अरविंद कुमार के नाम भी शामिल हैं. 


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बिकरू कांड के मुख्य केस में 36 आरोपी बनाए गए थे.  जिसमें सिर्फ खुशी दुबे को ही जमानत मिली है. इसके साथ ही बिकरु कांड से जुड़े अन्य मुकदमों में 11 आरोपियों में से 3 को ही जमानत मिली है. इस कांड के पीछे की मुख्य वजह 6 बीघा जमीन को लेकर सामने आई थी. इसी को लेकर झगड़ा शुरू हुआ था. बिकरू कांड की मुख्य वजह राहुल तिवारी की ओर से विकास दुबे व अन्य के खिलाफ कराई गई एफआईआर थी. इसे लेकर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस बिकरू पहुंची थी.


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