UP Politics : यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. पहली बार बहुजन समाज पार्टी भी उपचुनाव में ताल ठोकने जा रही है. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब मायावती उपचुनाव में जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं. उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन हो सके, इसको लेकर मायावती ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है. लखनऊ में रविवार को मायावती उपचुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान बसपा के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे. 


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मायावती ने कहा कि सभी 10 सीटों पर बसपा दमदारी से चुनाव लड़ेगी. बैठक के बाद मायावती ने कहा कि यूपी समेत पूरे देश में गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई को मोदी सरकार रोक नहीं पा रही है. इससे आम जनमानस में सरकार के खिलाफ रोष है. केंद्र सरकार इन मुद्दों से जनता का ध्‍यान भटकाने के लिए बुलडोजर राजनीति और धार्मिक उन्‍माद फैलाने की कोश‍िश कर रही है. धर्म परिवर्तन पर नया कानून, एससी-एसटी आरक्षण का उप-वर्गीकरण करने का षडयंत्र लोगों को बांटने का प्रयास है. सरकार जातीय जनगणना से इंकार कर रही है. मस्जिद-मदरसा संचालन व वक्फ संरक्षण आदि में जबरदस्ती सरकारी दखलअंदाजी हो रही है. 


 


हर सीट पर प्रत्‍याशी उतारेगी बसपा 
पूर्व में उपचुनावों से दूर रहने वाली बसपा अब यूपी की 10 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही सभी जिलाध्यक्षों की बैठक की. लखनऊ के माल एवेन्यू स्थित पार्टी मुख्यालय में सुबह 11 बजे से होने वाली बैठक में बसपा प्रमुख उपचुनाव की तैयारियों के साथ ही उम्मीदवारों के नाम पर भी मंथन किया. 


चार नामों की सूची मांगी गई : सूत्र 
सूत्रों के मुताबिक, बसपा इस बार सभी 10 सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी. इसको लेकर कार्यकर्ताओं ने दावेदारी करनी शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी हर सीट से जातिगत समीकरण को देखते हुए चार दावेदारों के नामों की सूची मांगी है. उम्‍मीदवार का चयन करने से पहले बसपा, बीजेपी और सपा प्रत्‍याशियों के मैदान में उतरने का इंतजार भी कर सकती है. माना जा रहा है कि मायावती पार्टी के प्रति वफादार कार्यकर्ता को ही चुनाव मैदान में उतार सकती है.   


शून्‍य पर आकर सिमट गई बसपा 
बता दें कि कभी यूपी में सत्‍ता में रहने वाली मायावती की पार्टी आज महज एक सीट पर आकर सिमट गई है. लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा अकेले चुनाव लड़ी थी. इस चुनाव में भी बसपा एक सीट जीत नहीं पाई. इससे पहले साल 2019 के चुनाव में बसपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़ी थी. उस समय बसपा के खाते में 10 सीटें गई थीं. 


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