2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया था. नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए "अच्छे दिन आने वाले हैं" का नारा दिया गया. जो लोगों की जुबान पर चढ़ गया.
2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के एक और नारे "हर हर मोदी, घर घर मोदी" ने भी जनता को खूब प्रभावित किया था. इसी के बाद बीजेपी ने केंद्र में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाकर रिकॉर्ड बनाया था.
2007 का यूपी चुनाव बसपा ने दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यकों के साथ पहली बार ब्राह्मण वोटरों को साधने का प्रयास किया था. इसी चुनाव में दिया गया "हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा, विष्णु, महेश है" का नारा खूब सफल हुआ था. बसपा ने उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी.
2004 लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने "कांग्रेस का हाथ, आम आदमी के साथ" के नारे के साथ चुनावी मैदान में थी. नतीजे आए तो इस नारे के साथ कांग्रेस ने 218 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी.
साल 1971 के लोकसभा चुनाव इंदिरा गांधी ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा, ‘वो कहते हैं इंदिरा हटाओ, हम कहते हैं गरीबी हटाओ’ इस नारे असर लोकसभा चुनाव के नतीजों में देखने को मिला. कांग्रेस ने 352 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
1991 लोकसभा चुनाव में चुनावी रैलियों में बीजेपी ने 'सबको परखा, हमको परखो' का नारा दिया.
1998 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दिए "सबको देखा बारी-बारी, अबकी बार अटल बिहारी" का नारा जनता पर छाप छोड़ने में कामयाब रहा था. भाजपा को कुल 182 सीटों पर जीत मिली थी.
देश में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान लगाई गई इमरजेंसी के बाद विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर हमला बोलने के लिए 'इंदिरा हटाओ देश बचाओ' का नारा दिया था.
सीएम योगी ने आगरा में एक कार्यक्रम के दौरान एक रहने का संदेश दिया था. कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता. राष्ट्र तब सशक्त होगा जब हम सब एक होंगे. सीएम योगी ने कहा था कि बटेंगे तो कटेंगे. यह नारा आजकल चर्चा में है. महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में भी इस स्लोगन के पोस्टर छाने लगे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिए बंटेंगे तो कटेंगे के नारे के जवाब में समाजवादी पार्टी ने भी पोस्टर लगाए हैं. जिसमें लिखा है 'बटेंगे न कटेंगे, पीडीए संग रहेंगे'.