उत्तर प्रदेश की सियासत में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया एक चर्चित नाम हैं. राजा भैया करीब 3 दशक से सियासत में एक्टिव हैं. साल 1993 से वह कुंडा विधानसभा सीट से विधायक चुने जाते रहे हैं.
रघुराज प्रताप सिंह प्रतापगढ़ की भदरी रियासत से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म 31 अक्टूबर 1967 को हुआ था. उनका नाम रघुराज प्रताप सिंह है लेकिन लो उनको राजा भैया के नाम से जानते हैं.
राजा भैया की शुरुआती पढ़ाई दून स्कूल से हुई. इसके बाद उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद वह राजनीति में बेहद कम उम्र से ही सक्रिय हो गए. 1993 में वह पहली बार कुंडा से विधायक बने.
रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह भदरी रियासत के राजा हैं. उनकी मां का नाम मंजुल राजे है. उनके दादा बजरंग बहादुर सिंह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं.
राजा भैया की शादी 1995 में राजकुमारी भानवी सिंह से हुई थी. वह बस्ती राजघराने से आती हैं. बीते कुछ समय पहले दोनों के रिश्तों को लेकर चर्चा हुई थी.
राजा भैया और भानवी सिंह के चार बच्चे हैं. उनकी दो बेटियां और दो बेटे हैं. सबसे बड़ी राघवी कुमारी हैं, दूसरे नंबर पर बृजेश्वरी हैं. राजा भैया के दो बेटे शिवराज प्रताप सिंह और बृजराज प्रताप सिंह हैं.
राजा भैया को घुड़सवारी और शूटिंग का शौक रहा है. उनके शोक को उनकी दोनों बेटियां प्रोफेशनल तौर पर पूरा कर रही हैं. राजा भैया की बड़ी बेटी राघवी कुमारी शूटिंग चैंपियन रह चुकी हैं. डबल ट्रैप की जूनियर महिला वर्ग में वह गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.
वहीं, राजा भैया की छोटी बेटे बृजेश्वरी को घुड़सवारी का शौक है. वह घुड़सवारी की कई प्रतियोगियाओं में हिस्सा लेती रही हैं.
राजा भैया के दोनों बेटों बृजराज सिंह और शिवराज सिंह की पढ़ाई ग्वालियर के मशहूर सिंधिया स्कूल से हुई. सिंधिया स्कूल को देश के नामी स्कूलों में गिना जाता है.
आने वाले समय में राजा भैया के दोनों बेटे राजनीति में दिखाई दे सकते हैं. दोनों ने राजनीति में आने की दिलचस्पी दिखाई है, जिसका जिक्र राजा भैया एक इंटरव्यू के दौरान कर चुके हैं. दोनों राजा भैया के नामांकन के समय भी साथ दिखाई दे चुके हैं.