प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के विशेष सत्र के पहले दिन जोरदार संबोधन दिया. उन्होंने पुरानी संसद से नई संसद में जाने के बीच 75 साल की मीठी कड़वी यादों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के संभल लोकसभा सीट से सांसद शफीकुर्ररहमान बर्क का संसद में जिक्र किया तो सभी अवाक रह गए. बर्क हमेशा बीजेपी और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते रहे हैं. उन्होंने कई बार आपत्तिजनक बयान भी दिए हैं. हालांकि पीएम ने उनका नाम लेकर लोकतंत्र में मतभेदों के साथ आगे बढ़ने की बड़ी लकीर खींचीत. 


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पीएम मोदी ने कहा, इस देश के 140 करोड़ लोगों और जीवंत लोकतंत्र की ताकत है कि 93 साल के शफीकुर्ररहमान बर्क इस संसद के सांसद हैं और 25 साल में लोकसभा के लिए चुनी गईं चंद्रमणि मुर्मू. 


प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, अटल बिहारी बाजपेयी और मनमोहन सिंह का भी जिक्र किया. साथ ही इंदिरा गांधी समेत उन तीन प्रधानमंत्रियों का नाम भी लिया, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया. पीएम ने कहा, इसी सदन ने लोकतंत्र पर हमला होते देखा है और इसी के जरिये उन्होंने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए हमले पर कहा कि वो घटना देश कभी नहीं भूलेगा.


उन्होंने अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल के दौरान उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों के शांतिपूर्वक गठन का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग होते, बिहार से झारखंड अलग होते और उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड के अलग होते समय ये सारे राज्य खुश होते. लेकिन आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के विभाजन के समय ऐसा नहीं था. दोनों में से कोई राज्य खुशियां नहीं मनाया, अच्छा होता, ये सब शांतिपूर्वक होता. अनुच्छेद 370 को हटाने जैसी अपनी उपलब्धियां भी पीएम मोदी ने गिनाईं.