Rajasthan: पांच राज्यों (मध्‍यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम) में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को उत्तर भारत के 3 बड़े राज्यों में बड़ी जीत हासिल हुई. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की सरकार आ रही है. तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री को लेकर गहन मंथन किया गया. रविवार 10 दिसंबर 2023 को बीजेपी ने सभी को चौंकाते हुए  विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाया. सोमवार 11 दिसंबर 2023 को सभी राजनीतिक अटकलों को विराम लगाते हुए बीजेपी ने डॉ- मोहन यादव को मध्यप्रदेश का सीएम बनाया. इसके बाद सभी के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या राजस्थान में भी बीजेपी किसी नए फेस को राज्य की कमान सौंप सकती है?. क्या राजस्थान में भी बीजेपी की ओर से कोई चौंकाने वाला निर्णय सुनाया जा सकता है. आइए जानते हैं किसके मुख्यमंत्री बनने के बन रहे हैं चांस बन रहे हैं...


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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व से एक साल के लिए सीएम बनाने की मांग कर रही हैं. उनका कहना है कि इसके बाद वो खुद इस पद को छोड़ देंगी, लेकिन पार्टी उन्हें स्पीकर बनाना चाहती है. सूत्रों का कहना है कि वसुंधरा राजे इसके लिए मना कर चुकी हैं. सूत्र आगे बताते हैं कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वसुंधरा राजे को विधायकों से अलग से मुलाकात न करने की भी सलाह दी है. बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे ने रविवार 10 दिसंबर 2023 की रात जेपी नड्डा से फोन पर बात की थी. 


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राजस्थान के समीकरण
रविवार 3 दिसंबर को घोषित हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों में भाजपा ने राजस्थान में प्रचंड़ जीत हासिल की. बीजेपी को 199 में से 115 सीटें हासिल हुई हैं, लेकिन पार्टी अब तक मुख्यमंत्री को लेकर फैसला नहीं कर पाई है. पार्टी ने बीजेपी विधायक दल की बैठक के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित तीन पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है. 


इस चार नेताओं का नाम सीएम की रेस में
गौरतलब है कि राजस्थान के सीएम पद की रेस में वसुंधरा राजे के अलावा 4 अन्य लोग शामिल हैं. मुख्यमंत्री की रेस में राजस्थान से महंत बालकनाथ, राज्यवर्धन राठौड, दीया कुमारी और गजेंद्र शेखावत का नाम भी सामने आ रहा है. किरोड़ी लाल मीणा से जब मीडिया ने नया सीएम बनने में हो रही देरी का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि- राजस्थान के मुख्यमंत्री चेहरे पर बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि हमारे पास सक्षम चेहरों की कोई कमी नहीं है. केंद्रीय संसदीय बोर्ड जो भी निर्णय लेगा, उसे सभी स्वीकारेंगे और मिलकर काम करेंगे.


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