Uniform Civil Code: उत्तराखंड के बाद उत्तर प्रदेश में भी जल्द समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर कानून आ सकता है. इसकी जानकारी योगी सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दी है.
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UCC: उत्तराखंड की धामी सरकार ने आज 6 फरवरी 2024 को समान नागरिक संहिता विधेयक पेश कर दिया है. 8 तारीख तक विधानसभा में इस पर चर्चा होगी. सदन से विधेयक पास होने के बाद राज्यपाल के पास जाएगा. राज्यपाल की हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा. इस बीच उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी में यूसीसी को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने ऐलान किया है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश में भी समान नागरिक संहिता को लेकर कानून आ सकता है.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर डिप्टी सीएम ने लिखा, "भाजपा के वैचारिक मुद्दों में एक है UCC, सही समय पर यूपी में भी आयेगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भाजपा सरकार ने धारा 370 विदा किया, श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त, उत्तराखंड में UCC आ चुका है!" #एक_देश_एक_क़ानून"
भाजपा के वैचारिक मुद्दों में एक है UCC,सही समय पर यूपी में भी आयेगा,प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व की भाजपा सरकार ने में धारा 370 विदा किया,श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का कार्य पूर्ण,उत्तराखंड में UCC आ चुका है!#एक_देश_एक_क़ानून
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) February 6, 2024
इससे पहले डिप्टी सीएम ने कहा था कि समान नागरिक संहिता बिल के लिए उत्तराखंड भाजपा की धामी सरकार बधाई की पात्र है. भाजपा ने अपने वैचारिक मुद्दों के क्रम में जनता से किए वादे के अनुसार समाधान सुनिश्चित कर रही है! मोदी जी की गारंटी की भी गारंटी है!
कानून बना तो आजादी के बाद UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक में बहुविवाह और 'हलाला' जैसी प्रथाओं को आपराधिक कृत्य बनाने तथा 'लिव-इन' में रह रहे जोड़ों के बच्चों को जैविक बच्चों की तरह उत्तराधिकार दिए जाने का प्रावधान है. यूसीसी विधेयक को पारित कराने के लिए बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन पेश ‘समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड-2024’ विधेयक में धर्म और समुदाय से परे सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, संपत्ति जैसे विषयों पर एक समान कानून प्रस्तावित है. हालांकि, इसके दायरे से प्रदेश में निवासरत अनुसूचित जनजातियों को बाहर रखा गया है. कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है.
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