UP by Election: यूपी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. यूपी की नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन अपनी पूरी ताकत झोंकने जा रहा है. उपचुनाव से ठीक पहले विपक्ष एकजुटता का संदेश देने के लिए संयुक्‍त रैली कर सकता है. इसमें राहुल गांधी और प्रियंका के अलावा दिल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल साथ नजर आ सकते हैं.  


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राहुल-प्रियंका और केजरीवाल की हो सकती है संयुक्‍त रैली 
सपा प्रवक्‍ता आजम खान ने बताया कि प्रदेश में नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन अगले सप्ताह चुनाव प्रचार को धार देगा. प्रदेश में दो से तीन संयुक्त रैली कराने की तैयारी है. इसके जरिए उपचुनाव में एकजुटता का संदेश देने की रणनीति बनाई गई है. अखिलेश यादव के अलावा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की भी संयुक्‍त रैली हो सकती है. रैली में अरविंद केजरीवाल भी शामिल हो सकते हैं. 


सीट न मिलने पर कांग्रेस ने उपचुनाव से बना ली थी दूरी
बता दें कि नौ सीटों में से कांग्रेस ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्‍छा जाहिर की थी, लेकिन सपा ने सिर्फ दो सीटें देने की घोषणा की. अंतिम समय तक सीटें नहीं तय हो पाने की वजह से कांग्रेस ने चुनाव से दूरी बना ली. ऐसे में गठबंधन होने का दावा करते हुए सपा ने सभी नौ सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. पिछले सप्ताह गाजियाबाद में अखिलेश यादव ने जनसभा की, जिसमें कांग्रेस के कई नेताओं ने हिस्सा लिया. अब कांग्रेस भी खुलकर सामने आ रही है. लखनऊ में पोस्‍टर वार में सपा के बाद अब कांग्रेस भी कूद गई है. कांग्रेस ने सपा कार्यालय पर एकजुटता को लेकर पोस्‍टर लगाए हैं. 


'सपा और कांग्रेस के नेता संयुक्‍त रूप से रैली में हो रहे शामिल'
इंडिया गठबंधन ने रणनीति तैयार की है कि अगले सप्ताह के बाद प्रदेश में दो से तीन संयुक्त रैली की जाएगी. इसमें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अथवा राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित अन्य समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं को बुलाया जाएगा. इस संयुक्त रैली के जरिए विपक्ष की एकजुटता का संदेश देने की तैयारी है. सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर जनसभाएं हो रही हैं। सपा और कांग्रेस के नेता संयुक्त रूप से हिस्सा ले रहे हैं. कोशिश है कि दो से तीन बड़े आयोजन किए जाएं, जिसमें कांग्रेस सहित अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं को बुलाया जाएगा. 


 



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