UP By Polls 2024: ऐसा 14 साल बाद हो रहा है कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी उपचुनाव में उतर रही हैं. इस संबंध में बसपा सुप्रीमो मायावती ने घोषणा तो की ही साथ ही यूपी की दो सीटों की कमान संभालने के लिए प्रभारियों की भी घोषणा कर दी. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यही प्रभारी, उपचुनाव में प्रत्याशी के तौर पर उतारे जाएंगे. जिन जिन विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होना वो 10 सीटें हैं- 


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यूपी की इन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 
मिल्कीपुर, करहल, सीसामऊ
कटेहरी, कुंदरकी, खैर
गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां और मीरापुर हैं.


दरअसल, यूपी की इन सभी 10 विधानसभा सीटों को लेकर बसपा एक्टिव है और इसे लेकर रविवार को बैठक करने के बाद ब्राह्मण और पासी कार्ड मायावती द्वारा खेल दिया गया. बसपा की यूपी इकाई के अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के मुताबिक फूलपुर से शिवबरन पासी तो वहीं मझवां सीट से दीपक कुमार तिवारी उर्फ दीपू को प्रभारी नियुक्त कर दिया गया है. ऐसे में इस बात पर गौर करना तो बनाता है कि जिन सीटों के लिए मायावती ने ब्राह्मण कार्ड खेला है वहां पर जातीय समीकरण क्या है? इसका कितना लाभ मायावती को मिल सकता है? 


फूलपुर सीट पर जातीय समीकरण 
नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद प्रवीण पटेल ने प्रयागराज के फूलपुर लोकसभा सीट से विधायकी से इस्तीफा दिया जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है. इस सीट पर 2017 और 2022 में प्रवीण ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता. वैसे इस उप चुनाव में कड़े मुकाबला इस सीट पर हो सकता है जिसके लिए बसपा की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है. इस बाबात प्रभारी के नाम की घोषणा भी कर दी गई है. 


फूलपुर विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण हालांकि बहुत कुछ कहता है, जैसे कि फूलपुर विधानसभा में दलित मतदाता की संख्या अधिक है. 
कुल 406028 मतदाता हैं.
इनमें पुरुष 222447 मतदाता हैं. 
महिला 183517 है.
अनुसूचित जाति करीब 75 हजार है. 
यादव 70 हजार है.
पटेल 60 हजार है.
ब्राह्मण 45 हजार है.
मुस्लिम 50 हजार है.
निषाद 22 हजार है.
वैश्य 16 हजार है.
क्षत्रिय 15 हजार मतदाता हैं.


मझवां सीट पर जातीय समीकरण 
मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट से निर्बल भारतीय शोषित हमारा आम दल यानी निषाद पार्टी के टिकट पर डॉक्टर विनोद कुमार बिंद सांसद हो चुके हैं. वह लोकसभा चुनाव में भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए हैं. ऐसे में मझवां विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव करवाया जाएगा. इन सीट पर ब्राह्मण, दलित व बिंद बिरादरी का अधिक बोलबाला होना माना जाता है. 


मझवां सीट पर जातीय समीकरण कुछ इस तरह है कि 
यहां दलित, ब्राह्मण, बिंद की संख्या 60 हजार है. 
कुशवाहार 30 हजार है.
पाल 22 हजार है.
राजपूत 20 हजार है.
मुस्लिम 22 हजार है.
पटेल 16 हजार हैं.


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