UP ByPolls 2024: यूपी उपचुनाव की 2 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी निषाद पार्टी, संजय निषाद का बड़ा ऐलान, क्या बीजेपी होगी राजी?
UP ByPolls 2024: निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने अपना बयान साझा करते हुए कहा कि एससी एसटी कोटे में क्रीमी लेयर होनी चाहिए. वहीं यूपी उपचुनाव में दो सीटों पर निषाद पार्टी प्रत्याशी उतारेगी.
लखनऊ: एससी एसटी कोटे में क्रीमी लेयर का मामला इन दिनों काफी सुर्खियों में है. लगातार किसी न किसी नेता का इस पर बयान सामने आ रहा है. अब इस मामले पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने अपना बयान साझा किया है. उन्होंने कहा कि एससी एसटी कोटे में क्रीमी लेयर होनी चाहिए. वोट कम होने के डर से बड़े दल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने उपचुनाव पर अपना बयान दिया जिसमें उन्होंने कहां कि मझवा और कटेहरी में निषाद पार्टी के सिंबल पर एनडीए लड़ेगी. पिछली बार दोनों सीटों पर निषाद पार्टी ही लड़ी थी. हालांकि बीजेपी की इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
कार्यकर्ताओं को दिशा निर्देश
निषाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व योगी आदित्यनाथ की सरकार में मत्स्य कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद ने आज अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ी घोषणा की. संजय निषाद ने इस दौरान कहा कि 16 अगस्त को निषाद पार्टी का स्थापना दिवस है जिसे इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं को उत्तर प्रदेश में होने वाले 10 सीटों पर उपचुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं को दिशा निर्देश दिए जाएंगे.
संजय निषाद की बड़ी घोषणा
इसके अलावा डॉक्टर संजय निषाद ने मझवां के साथ ही कटेहरी की सीट पर निषाद पार्टी के प्रत्याशी को लड़ने की बात कही है. निषाद पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में है. लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुईं यूपी की 10 सीटों पर अब विधानसभा का उपचुनाव होना है. जिसका तारीख का ऐलान होने से पहले संजय निषाद ने एक बड़ी घोषणा कर दी है और इसी के साथ अपना रुख भी साफ कर दिया है. संजय निषाद ने मझवां के साथ ही कटेहरी की सीट पर अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है.
सहयोगी दलों को कितनी सीटें?
हालांकि, इस दौरान उन्होंने ये भी साफ साफ कहा कि हम भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल हैं, हम इससे पहले भी इन सीटों पर चुनाव लड़ चुके हैं. जिसमें से एक सीट जीते थे. इस बार भी निषाद पार्टी इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ेगी. देखने वाली बात ये है कि क्या भारतीय जनता पार्टी 10 सीटों में से अपने सहयोगी दलों को कितनी सीटें देगी.