Yogi Adityanath Exclusive Interview: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने इस खास इंटरव्यू में कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मुझे लगता है कि भगवान ने सबको दृष्टि दी है, वो वहां जाकर देखे. मस्जिद के अंदर त्रिशूल क्या कर रहा है?. हमने तो नहीं रखा. ज्ञानवापी के अंदर ज्योतिर्लिंग हैं, देवताओं की प्रतिमाएं हैं. पूरी दीवारें चिल्ला- चिल्ला कर क्या कह रही हैं. .योगी आदित्यनाथ आगे कहते हैं कि मुस्लिम पक्ष की ओर से इसका प्रस्ताव आना चाहिए कि यह एक ऐतिहासिक गलती हुई है, जिसके समाधान की आवश्यकता है. अपने इस इंटरव्यू में उन्होंने अपनी छोटी बहन और मां के बारे में भी बात की. उन्होंने पश्चिम बंगाल में चल रहे बवाल पर दो टूक जवाब दिए. मणिपुर को लेकर भी बोले सीएम योगी. 


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खबर विस्तार से
सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यूज एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया. अपने इस इंटरव्यू में योगी आदित्यानाथ ने अपने जीवन के कई पहलुओं पर बात की. उन्होंने कहा मैं भगवान का भक्त हूं औऱ किसी भी प्रकार के पाखंड में विश्वास नहीं करता. सबका मत अलग है, सबका मजहब अलग है, ईश्वर को मानने के तरीके हर किसी के अपने हैं. आप अपना धर्म किसी पर थोप नहीं सकते. नेशन फर्स्ट  है. अगर देश में रहना है तो देश का सर्वाोपरि मानना ही होगा. अपने मत औऱ मजहब को नहीं. 


विपक्ष के गठबंधन पर बोले
I.N.D.I.A गठबंधन को इंडिया नहीं बोलना चाहिए. यह तो डॉट का ग्रुप है. चोला बदलने से पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिल सकती. पश्चिम बंगाल में हो रहे दंगों के बारें में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं पिछले सवा 6 साल से मुख्यमंत्री हूं. 2017 के बाद से प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ. बड़ी- बड़ी बातें करने वाले लोग देखें कि चुनाव कैसे करवाए जाते हैं. पंचायती चुनाव, नगर निकाय चुनाव और विधानसभा चुनाव हुए हैं. वेस्ट बंगाल में भी चुनाव हुए. देखिए वहां क्या हाल हो रहा है. क्या देश को भी वेस्ट बंगाल बनना है. 


कुछ लोग सत्ता में आकर जबरन पूरी व्यवस्था को कैद कर देना चाहते हैं. जो हमें वेस्ट बंगाल में देखने को मिल रहा है. आप खुद ही देखिए ना कि कैसे वहां विरोधी दल के लोगों को मारा जा रहा है. ये चीजें आंखों को खोलने वाला है. इस मुद्दे पर कोई बोल ही नहीं रहा है. 1990 में जो कुछ कश्मीर में हुआ, उस पर भी सब मौन रहे. आखिर यह दोरहा दृष्टिकोण क्यों?