बीवी-बच्चों या मां-बाप को मिलेगा कितना पैसा, बैंक खाताधारक तय करेगा हिस्सेदारी, 4 नॉमिनी बना सकेगा
अगर आपका भी बैंक में खाता है तो आपके लिए अच्छी खबर है. सरकार ने बैंक अकाउंट से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है. जिसके तहत अब खाताधारक एक नहीं बल्कि चार-चार नॉमिनी को जोड़ सकेगा.
एक नॉमिनी का था विकल्प
अभी तक बैंक डिपॉजिट से लेकर लॉकर में समान रखने के लिए अकाउंटहोल्डर को एक नॉमिनी रखने की अनुमति थी लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है. जिससे लोगों को राहत मिलेगी.
अब तक बना सकेंगे चार नॉमिनी
नए बदलाव के बाद बैंक खाताधारक के पास एक ही समय एक से लेकर चार नॉमिनी तक जोड़ने का विकल्प रहेगा.
लॉकर सर्विस के लिए
वहीं लॉकर सर्विस के लिए ग्राहकों को क्रमिक नॉमिनी का ऑप्शन ही रहेगा.यानी एक के बाद एक तरीके से ही नॉमिनी को जोड़ पाएंगे. इसका मतलब है कि अगर पहला नॉमिनी उपलब्ध नहीं है तो अगले के लिए यह लागू हो जाएगा.
क्या फायदा होगा
लॉकर में रखे सामन के कानूनी उत्तराधिकारी को लेकर विवाद के मामले खूब आते हैं. इस बदलाव के बाद उत्तराधिकारी के लिए जटिलताएं कम होंगी.
कोरोनाकाल में बढ़े विवाद
बता दें कि कोविडकाल में हुई मौतों के बाद बैंकों में कानूनी विवाद के मामले बढ़े थे. एक बैंक खाते पर कई लोगों ने दावा किया था.
खाताधारतों को मिलेगा विकल्प
इन विवादों के चलते ही यह जरूरत समझी गई कि खाताधारकों के पास यह विकल्प होना चाहिए कि वह अपनी मर्जी से पैसा देने का अधिकार रखता है.
कितना हिस्सा?
बैंक खाताधारक यह तय कर सकता है कि उसने जिसे नॉमिनी बनाया है, उसको कितना हिस्सा मिलेगा.
क्या बोलीं वित्त मंत्री?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस विधेयक को पेश करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य देश के बैंकिंग सिस्टम में गवर्नेंस को मजबूत करना और आम लोगों के लिए बैंकिंग ग्राहकों के लिए सर्विस को और बेहतर करना है.
ये बदलाव भी शामिल
इसके अलावा सहकारी बैंकों में निदेशकों के काम करने की अवधि को 8 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है. वहीं, केंद्रीह सहकारी बैंकों के निदेशकों को राज्य सहकारी बैंक के निदेशक बोर्ड का सदस्य बनने के लिए भी हरी झंडी दिखाई गई है.
ये प्रावधान भी
बैंकिंग संशोधन विधेयक में वैधानिक लेखा परीक्षकों का पारिश्रमिक तय करने में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता देने का भी प्रावधान किया गया है.