DL Rules in UP: उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइंसेस बनवाने में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है. नए नियम के तहत आवेदक को लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जिंदा होने का सबूत देना होगा.
लखनऊ में दो-तीन महीने पहले राजकुमारी वर्मा नाम से एक मृत व्यक्ति का लर्नर लाइसेंस बन जाने से परिवहन विभाग में खलबली मच गई. इसके बाद लाइसेंस प्रक्रिया को और सख्त बनाने की कवायद शुरू हुई है.
एनआईसी को निर्देश दिया गया कि सारथी पोर्टल को ऐसा अपडेट किया जाए कि मृतकों के नाम पर लाइसेंस न बन सकें. इसके लिए लाइसेंस प्रणाली को फूलप्रूफ करने की कोशिश की जा रही है.
अब लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों को कैमरे के सामने पहले मुस्कुराना और पलकें झपकानी होंगी. इससे यह सुनिश्चित होगा कि आवेदक वास्तविक व्यक्ति है और फर्जीवाड़ा नहीं हो रहा है.
परीक्षण के दौरान भी आवेदकों को 30 सेकंड में प्रतिक्रिया देनी होगी, अन्यथा सॉफ्टवेयर इसे तस्वीर के माध्यम से दिया गया उत्तर मान लेगा. इस नई प्रक्रिया से प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी.
परिवहन विभाग लर्नर लाइसेंस के लिए आधार कार्ड प्रमाणीकरण को भी अनिवार्य बना रहा है. इससे पहचान को सत्यापित करना आसान होगा और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी.
बायोमेट्रिक व्यवस्था को भी लागू करने की तैयारी की जा रही है. अब घर से लाइसेंस के लिए आवेदन करने पर आवेदकों को बायोमेट्रिक डिवाइस का उपयोग करना पड़ेगा
जिनके पास बायोमेट्रिक उपकरण नहीं हैं, वे जन सुविधा केंद्र या आरटीओ कार्यालय में जाकर लाइसेंस के लिए आवश्यक बायोमेट्रिक प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं.
कई आवेदकों को घर बैठे सारथी पोर्टल पर फेस मैचिंग में परेशानी आ रही है, जिसके कारण उन्हें आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, परिवहन विभाग इस समस्या के समाधान के लिए भी प्रयासरत है.
परिवहन विभाग के एआरटीओ का कहना है कि इस नई प्रणाली से जीवित व्यक्तियों के ही लाइसेंस बन पाएंगे. आने वाले समय में ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में और भी सुधार किए जा रहे हैं, ताकि प्रक्रिया सरल और सुरक्षित बन सके.
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