सबसे पहला काम है कि आपके साथ किसी भी तरह की कोई घटना होती है तो आप पुलिस थाने जाकर इसकी एफआईआर दर्ज कराएं. आमतौर पर पुलिस रिपोर्ट दर्ज करके मामले की जांच-पड़ताल करती है और पीड़ित की सुनवाई करती है.
लेकिन कई बार देखने को मिलता है कि पुलिस की तरफ से रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया जाता है. ऐसे में लोग हिम्मत हारकर चुपचाप घर लौट आते हैं, क्योंकि उनको नहीं पता होता कि ऐसी स्थित में वो क्या कर सकते हैं.
अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. आपके पास एक और रास्ता है, जो आपके न केवल काम आ सकता है बल्कि इससे आपकी मदद भी हो सकती है. चलिए आइए जानते हैं इसके बारे में.
थाने में पुलिसकर्मी आपकी शिकायत दर्ज करने से मना कर देता है तो आपके पास इसकी शिकायत करने का विकल्प मौजूद है.
आप पुलिस विभाग के विजलेंस डिपार्टमेंट में कॉल कर इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा आप पुलिस के बड़े अधिकारियों जैसे डीसीपी या एसपी दफ्तर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं.
ऐसा करने से आपकी शिकायत तो दर्ज की ही जाएगी, साथ ही एफआईआर लिखने से इनकार करने वाले अधिकारी के खिलाफ भी एक्शन होगा.
अगर आला अधिकारियों से शिकायत के बाद भी आपकी सुनवाई नहीं हो रही है तो आप इसकी शिकायत लोकल कोर्ट में मजिस्ट्रेट से कर सकते हैं.
आपकी शिकायत सही पाई जाती है तो कोर्ट पुलिस को एफआईआर करने का आदेश जारी कर सकता है. साथ ही आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होने की स्थिति में आप ऑनलाइन जाकर भी शिकायत कर सकते हैं. इसे ई-एफआईआर कहा जाता है.
हर राज्य की पुलिस वेबसाइट होती है, जहां जाकर आपको तमाम जानकारी देनी होती है और आपकी एफआईआर दर्ज हो जाती है. एफआईआर दर्ज होने के बाद आपके मामले की जांच शुरू हो जाती है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.