Toll Tax Rules:भारत में राष्ट्रीय और राज्य हाईवे पर यात्रा करने वालों से टोल टैक्स वसूला जाता है, ताकि सड़कों के रखरखाव और निर्माण की लागत को पूरा किया जा सके. टोल टैक्स का भुगतान हर वाहन चालक के लिए अनिवार्य होता है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इसके लिए कई सख्त नियम बनाए हैं. हालांकि, कुछ खास कैटेगरी के लोगों और वाहनों को इस टोल टैक्स से पूरी तरह छूट दी गई है.  


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आइए जानते हैं, कौन से लोग और वाहन इस नियम के तहत आते हैं और किन्हें टोल चुकाने की आवश्यकता नहीं होती है. मगर इससे पहले जान लेते हैं कि टोल की गणना कैसे की जाती है. 


टोल टैक्स की गणना कैसे की जाती है?
टोल टैक्स का निर्धारण वाहनों के प्रकार और यात्रा की दूरी के आधार पर किया जाता है. बड़े और भारी वाहन, जैसे ट्रक और बसें, सड़कों को छोटे वाहनों की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए उन्हें ज्यादा टोल देना पड़ता है. जबकि छोटे वाहनों के लिए टोल दरें कम होती हैं. NHAI ने पूरे देश में टोल की दरें निर्धारित करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश बनाए हैं, जिससे हर श्रेणी के वाहन चालकों को स्पष्ट जानकारी हो सके कि उन्हें कितना टोल चुकाना है.


किन्हें मिलती है टोल टैक्स नहीं चुकाने की छूट
NHAI के नियमों के अनुसार, कुछ विशेष कैटेगरी के वाहनों और व्यक्तियों को टोल टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता. इनमें प्रमुख रूप से आपातकालीन सेवाओं और सरकारी अधिकारियों से जुड़े वाहन शामिल हैं. आइये आपको उन कैटेगरी के बारे में बताते हैं जिन्हें टोल प्लाजा पर टोल टैक्स छूट का लाभ मिलता है.


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आपातकालीन वाहन
एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, और अन्य आपातकालीन सेवाओं से जुड़े वाहन टोल टैक्स से मुक्त होते हैं. अगर इनसे टोल वसूला जाता है, तो चालक इसकी शिकायत कर सकते हैं.
   
सैन्य और रक्षा वाहन
सेना के ट्रक, कारें, और रक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले अन्य वाहन भी टोल से मुक्त होते हैं. ये वाहन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े होते हैं, इसलिए इन्हें किसी भी टोल टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता.


वीआईपी और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व
भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों, संसद सदस्यों, और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को ले जाने वाले वाहनों को भी टोल टैक्स से छूट दी गई है. इसके अलावा, परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, और शौर्य चक्र विजेताओं को भी यह सुविधा दी जाती है, लेकिन इसके लिए उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाना पड़ता है.


पब्लिक ट्रांसपोर्ट
राज्य सरकारों द्वारा संचालित सार्वजनिक परिवहन सेवाओं, जैसे राज्य की बसें, को टोल टैक्स से छूट दी गई है. इससे जनता को सस्ती और सुलभ परिवहन सेवाएं मिलती हैं.


टू-व्हीलर
देशभर में दोपहिया वाहनों को किसी भी टोल बूथ पर कर नहीं चुकाना होताय. यह नियम NHAI के दिशानिर्देशों में शामिल है, जिससे दोपहिया वाहन चालकों को राहत मिलती है.


दो बार गुजरने पर छूट
NHAI के नियम के अनुसार, यदि कोई वाहन 24 घंटे के भीतर एक ही टोल बूथ से दो बार गुजरता है, तो उसे पूरे टोल का डेढ़ गुना ही चुकाना पड़ता है. नियमित आने-जाने वाले यात्रियों को इस नियम का लाभ मिलता है, जिससे उनके खर्च में कमी आती है.


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