World Biggest Hindu Temple: इस जगह है दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर जहां ना के बराबर हैं हिन्दू, जानें कौन से भगवान की होती है पूजा
World Biggest Hindu Temple: दुनिया में एक ऐसा देश है कंबोडिया जहां पर सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है और दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक भी है लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि इस देश में हिन्दू लोग गिनती के हैं. जानें क्या है इस मंदिर का इतिहास और विशेषताएं.
World Biggest Hindu Temple: भारत देश हिंदू आबादी वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है. हिन्दू धर्म की शुरुआत और विस्तार इसी देश में हुआ. लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि हिंदुओं का सबसे बड़ा धार्मिक पूजा स्थल भारत में नहीं है .दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है कंबोडिया में. यह एक ऐसा देश जिसके फ्लैग का चिन्ह भी हिन्दुओं का एक मंदिर है. 402 एकड़ में फैला यह मंदिर कंबोडिया के अंकोर में है. यह मंदिर सिमरिप शहर में मीकांग नदी के किनारे बसा हुआ है.
मंदिर का इतिहास
भारत से 4800 किलोमीटर दूर कंबोडिया का पुराना नाम कंबोज देश था और इस शहर का प्राचीन नाम यशोधपुर था. यह एक हिन्दू देश था. अब यहाँ सबसे अधिक संख्या बौद्धों की हैं. अंकोरवाट का निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय ने करवाया था. यह मंदिर 12वीं सदी में बना था. भगवान विष्णु को सपर्पित यह मंदिर अत्यंत भव्य और विशाल है जबकि सूर्यवर्मन के पूर्ववर्ती शासको ने यहाँ बड़े-बड़े शिव के मंदिरो का निर्माण करवाया था. यहां कुल 27 राजाओं ने शासन किया. जिनमें से कुछ हिंदू थे और कुछ बौद्ध. इस मंदिर के चित्र को कम्बोडिया के राष्ट्रीय ध्वज में छापा गया है.
अंकोरवाट मंदिर के बारे में रोचक कहानी
कंबोज देश की प्राचीन दंतकथाओं के अनुसार कम्बोज की नींव आर्यदेश के राजा कंबु स्वयांभुव ने डाली थी. यहाँ के लोग मानते हैं कि राजा कम्बु भगवान शिव शंकर की प्रेरणा से कंबोज देश में आए और यहाँ बसी हुई नाग जाति के राजा की सहायता से उन्होंने इस जंगली मरुस्थल में एक नया राज्य बसाया. नागों के राजा ने अपनी शक्ति और जादूगरी से इसे हरा भरा और प्राकृतिक रूप से बेहद सुन्दर बना दिया. एक किवदंती ये भी है कि अंकोरवाट मंदिर का निर्माण एक महल के तौर पर किया गया था. इसको स्वयं भगवान इंद्र ने अपने बेटे के लिए बनवाया था. बाद में यहाँ पर विदेशी आक्राताओं ने यहाँ के हिन्दू लोगों का धर्म परिवर्तन तलवार के दम पर करा दिया लेकिन यह लोग दिल से खुद को हिन्दू ही मानते हैं.