पंचायत चुनाव का माहौल बिगाड़ सकता है PFI, 12 संदिग्धों को खोज रहीं खुफिया एजेंसी
उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव का माहौल खराब हो सकता है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 12 सदस्य नेपाल बॉर्डर से उत्तर प्रदेश में घुसपैठ करने की कोशिश में हैं. सूत्रों की माने तो खुफिया एजेंसियों ने यूपी पुलिस के साथ ऐसा इनपुट साझा किया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव का माहौल खराब हो सकता है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 12 सदस्य नेपाल बॉर्डर से उत्तर प्रदेश में घुसपैठ करने की कोशिश में हैं. सूत्रों की माने तो खुफिया एजेंसियों ने यूपी पुलिस के साथ ऐसा इनपुट साझा किया है. खुफिया इनपुट के आधार पर पीलीभीत से लेकर बिहार बॉर्डर तक नेपाल से जुड़े जिलों में पुलिस को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.
सीरिया से ट्रेनिंग लेकर भारत में घुसने की कोशिश-सूत्र
खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई है कि पीएफआई के ये 12 सदस्य सीरिया से ट्रेनिंग लेकर किसी खास मकसद से घुसपैठ करने वाले हैं.आशंका जताई जा रही है कि ये सभी सिद्धार्थनगर जिले की सीमा से भारतीय सीमा में दाखिल हो सकते हैं.
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राज्य की खुफिया एजेंसी हाई अलर्ट पर
सूत्रों की मानें तो इस इनपुट पर डीजीपी मुख्यालय ने एटीएस व राज्य खुफिया एजेंसी को सचेत रहने को कहा है. इस सूचना के बाद एटीएस की एक टीम को सिद्धार्थनगर रवाना किया गया है. साइबर एक्सपर्ट को भी सोशल मीडिया नजर रखने के आदेश दिए गए हैं. सूत्रों की मानें तो केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने आशंका जताई है कि पीएफआई के 12 सदस्य यूपी पंचायत चुनाव में माहौल खराब करने की साजिश रच सकते हैं. पीएफआई पूर्वांचल के जौनपुर, प्रयागराज तेजी फैला है.
हाथरस मामले में भी जुड़े थे तार
हाथरस मामले के दौरान भी पीएफआई का नाम तेजी से उछला था. हाथरस की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कई दलों व संगठनों ने आवाज बुलंद की थी. कई संगठन पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए जा रहे थे. इसी दौरान मथुरा से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस सूत्रों ने यह दावा किया गया था कि ये पीएफआई से जुड़े हुए हैं.
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पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए बनाई थी वेबसाइट
इनसे पूछताछ में एक वेबसाइट का पता चला था जिसे जस्टिस फॉर हाथरस के नाम से बनाया गया था. इस वेबसाइट पर जातीय दंगे भड़काने के लिए कई पेज बनाए गए थे. इतना ही नहीं यह भी बताया गया था कि दंगों के दौरान अगर पुलिस कार्रवाई करती है तो कैसे बचना है? इसमें अलग-अलग जगह से फंडिंग होने का भी दावा किया गया था. हालांकि बाद में वेबसाइट बंद कर दी गई. जबकि गिरफ्तार किए गए चारों लोग अभी जेल में हैं.
क्या है PFI?
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई एक इस्लामिक संगठन है. यह संगठन अपने को पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों के हक की आवाज बताता है. इस संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई थी. संगठन की जड़े केरल के कालीकट में गहरी हैं. इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में बताया जाता है.
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क्या है इसका मकसद?
चूंकि यह एक मुस्लिम संगठन है इस कारण इसकी ज्यादातर गतिविधियां मुस्लिमों के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती हैं. कई मौके पर इस संगठन से जुड़े लोग मुस्लिम आरक्षण के लिए सड़कों पर आ चुके हैं. संगठन 2006 में उस समय सुर्ख़ियों में आया था जब दिल्ली के रामलीला मैदान में इनकी तरफ से नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था. तब हजारों की संख्या में लोगों ने इस कांफ्रेंस में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी.
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