लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कांग्रेस पर 'रामभक्तों को अपमानित' करने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस पूरी प्रक्रिया में विलंब करना चाहती है और वह मंदिर मुद्दे पर राजनीति कर रही है. शर्मा ने कहा, 'कांग्रेस राम भक्तों की भावनाओं से खेल रही है और मंदिर मुद्दे पर राजनीति कर रही है. वह पूरी प्रक्रिया में विलंब करना चाहती है.'  उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय में इस मामले की जल्द सुनवाई हो.' 


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भगवान राम और राम मंदिर को लेकर कांग्रेस नेताओं मणिशंकर अय्यर और शशि थरूर के बयानों की निन्दा करते हुए ऊर्जा मंत्री एवं उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि इन लोगों ने राम के अस्तित्व को नकारा, राम सेतु के अस्तित्व को नकारा और अब न्यायालय की प्रक्रिया में विलंब करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि राम मंदिर देश के करोड़ों रामभक्तों की आस्था का प्रश्न है. कांग्रेस को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.


शर्मा ने कहा कि कांग्रेस रामभक्तों को अपमानित कर रही है, जो शर्मनाक है और उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि पहले कहना था कि 2019 के चुनाव के बाद फैसला हो. अब न्यायाधीश को लेकर वकील राजीव धवन की दलील से प्रक्रिया में विलंब हुआ है. शर्मा ने कहा कि उनकी अदालत से अपील है कि मामले की सुनवाई जल्द से जल्द हो.


उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय में आज राम जन्मभूमि—बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले की सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि न्यायमूर्ति यू यू ललित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पैरवी करने के लिए 1994 में अदालत में पेश हुए थे.


धवन ने हालांकि कहा कि वह न्यायमूर्ति ललित के मामले की सुनवाई से अलग होने की मांग नहीं कर रहे, लेकिन न्यायाधीश ने स्वयं को मामले की सुनवाई से अलग करने का फैसला किया. इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने एक नयी पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की. इससे पहले अय्यर एक कार्यक्रम में सवाल कर चुके हैं कि राजा दशरथ के महल में 10000 कमरे थे, राम किसमें पैदा हुए थे.


(इनपुट - भाषा)