लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरोशन में धांधली से जुड़ी एक खबर सामने आई है. प्रदेश में लगने वाला बिजली स्मार्ट मीटर जांच में फेल हो गया है. पिछले दिनों लोड जम्पिंग की शिकायत के बाद मीटर सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट (CPRI) नोएडा भेजे गए थे, जहां जांच के बाद मुख्य मानक कॉन्स्टेंट में ही मीटरों को फेल पाया गया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इम्पल्स की रफ्तार बढ़ने से अचानक बढ़ जाता है बिजली बिल
जांच में पाया गया कि मीटर बनाने वाली जीनस, जेन और आईटीआई कंपनियां 100 फीसदी इंडियन हैं, लेकिन मीटर के अंदर लगी चिप और कुछ पुर्जे चायनीज हैं. जीनस कंपनी के स्मार्ट मीटरों में गड़बड़ी पाई जा रही है. CPRI की रिपोर्ट में मीटर एक्युरेसी में दिक्कत बताई जा रही है. दरअसल, मीटर में ब्लिंक करने वाली बत्ती को इम्पल्स कहते हैं. जीनस कंपनी के मीटिर की इम्पल्स 3200 है, मतलब 3200 इम्पल्स पर 1 यूनिट बिजली खर्च होती है. लेकिन इन मीटरों में दिक्कत यह है कि चिप गर्म होते ही इम्पल्स की रफ्तार तेज हो रही है और उसी हिसाब से यूनिट भी. यूनिट बढ़ते ही बिजली का लोड अचानक बढ़ जाता है. इसी यूनिट और लोड जंप से बिजली बिल ज्यादा आ रहा है.


CM योगी बोले- देश को एक अच्छी फिल्म सिटी की दरकार, UP यह जिम्मेदारी उठाने को तैयार


दरअसल, स्मार्ट मीटर को लेकर पिछले 9 महीने से लगातार सवाल खड़े हो रहे थे. उपभोक्ता परिषद ने भी इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. 9 महीने पहले ही गुणवत्ता में खामी की रिपोर्ट भेजी जा चुकी थी, लेकिन इस रिपोर्ट को अधिकारियों की मिली भगत से दबा दिया था और कोई एक्शन नहीं लिया गया था. 


40 लाख घरों में लगने हैं स्मार्ट मीटर
बता दें, प्रदेश में लगभग 3 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं और करीब 12 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. विभाग द्वारा तीम साल में कुल 40 लाख घरों में बिजली मीटर लगने हैं. प्रदेश में प्रति किलोवाट लोड की कीमत है 110 रुपये है और गांव में प्रति यूनिट बिजली की कीमत तीन रुपये है.


WATCH LIVE TV