Parivar Niyojan: उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य के विभिन्न जिलों में सास-बहू और बेटा सम्मेलन कराने जा रही है. इसके तहत देश में 25 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले राज्य में जनसंख्या नियंत्रण पर सरकार फोकस करेगी. प्रदेश में 27 जून से विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का दूसरा चरण प्रारंभ होगा. इस वर्ष का नारा, विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपति की शान रखा गया है. इस बार की थीम "मां और बच्चे की सेहत के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतर" रखी गई है. 
यह पखवाड़ा 27 जून से 10 जुलाई तक चलेगा. सारथी वाहन और सास-बेटा-बहू सम्मलेन का आयोजन इसके दौरान होगा. इस दौरान सभी स्वास्थ्य इकाइयों में परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों के बारे में बताया जाएगा. लाभार्थियों के लिए साधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे. परिवार कल्याण कार्यक्रमों को गति देने और जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान दिया जाएगा. 


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विकसित भारत की नई पहचान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने बताया कि जनसंख्या पखवाड़ा हर साल मनाया जाता है. इसमें अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, हर समुदाय के लोग इसमें सक्रिय रूप से सहयोग करते हैं. इसके साथ ही परिवार कल्याण के कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. इन्हीं सब का परिणाम है कि प्रदेश में सकल प्रजनन दर में कमी आई है. जो हमें राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण से पता चल रही है. इसमें सेवा प्रदाताओं का क्षमतावर्धन, परिवार नियोजन साधनों की आपूर्ति और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर काम किया जा रहा है.  इस वर्ष जनसंख्या पखवाड़ा का नारा है- 'विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान'. वहीं इस बार की थीम "मां और बच्चे की सेहत के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतर" रखी गई है. 


आधुनिक साधनों के लिए जागरूक
परिवार कल्याण कार्यक्रम के महाप्रबंधक डॉ. सूर्यांश ओझा ने बताया कि कार्यक्रम का पूरा ज़ोर समुदाय को परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करने. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने और फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेन्ट इनफॉर्मेशन सिस्टम (एफपीएलएमआईएस) पोर्टल को सुदृढ़ करने पर है. इसके द्वारा सभी स्तरों पर परिवार नियोजन सामग्री एवं साधनों का निरीक्षण एवं प्रबंधन किया जाता है. पखवाड़े के दौरान यदि कोई जिला नवाचार करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. जिलों में परिवार कल्याण कार्यक्रम सही रूप से चलाने के लिए यह पहल की गई है. जिन जिलों में परिवार नियोजन सलाहकार नहीं हैं. वहां पर अन्य किसी भी कार्यक्रम के सलाहकार परिवार कल्याण काउन्सलर का भी भूमिका निभा सकेंगे. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है.


बास्केट ऑफ च्वाइस 
परिवार नियोजन के अस्थायी साधन त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, प्रसव पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), गर्भपात पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्सेट्राप्टिव डिवाइस (पीएआईयूसीडी), कॉपर टी, माला-एन, आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली(ईसीपी) और कॉंडोम आदि हैं.