UP Assembly Elections: यूपी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे 257 उम्मीदवार, जानिए EC ने क्यों किया डिस्क्वालिफाई?
UP Assembly Elections 2022: 257 कैंडीडेट को अयोग्य घोषित करने के पीछे चुनाव आयोग को खर्च का ब्यौरा नहीं देना है. दरअसल केन्द्रीय चुनाव आयोग ने पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इन लोगों द्वारा चुनाव लड़ने और परिणाम आने के एक महीने बाद समय से और सही ढंग से अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा आयोग को नहीं दिया
लखनऊ: साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (Uttar Pradesh Chunav 2022) होने हैं. इलेक्शन को होने में अब बहुत ही कम समय बचा है. ऐसे में चुनाव आयोग (EC) ने इस बार 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव होने से पहले एक बड़ा फैसला किया है. अगले साल होने जा रहे प्रदेश विधानसभा चुनाव राज्य के कुल 257 लोग नहीं लड़ सकेंगे. चुनाव आयोग के इस फैसले ने यूपी चुनाव लड़ने वाले नेताओं को बड़ा झटका दिया है. आयोग ने इन लोगों को चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया है.
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चुनाव आयोग ने बताया ये तर्क
257 कैंडीडेट को अयोग्य घोषित करने के पीछे चुनाव आयोग को खर्च का ब्यौरा नहीं देना है. दरअसल केन्द्रीय चुनाव आयोग ने पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इन लोगों द्वारा चुनाव लड़ने और परिणाम आने के एक महीने बाद समय से और सही ढंग से अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा आयोग को नहीं दिया था. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इन 257 लोगों में से 34 लोग 2019 का लोकसभा का चुनाव लड़े थे, बाकी 213 लोग 2017 में विधान सभा चुनाव के प्रत्याशी थे.
257 में सबसे ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार
इन 257 लोगों में सबसे ज्यादा संख्या निर्दलीय उम्मीदवारों की ही है मगर कुछ प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों ने भी पिछले विधान सभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा आयोग को समुचित ढंग से नहीं दिया. किसी ने तो बिल्कुल भी ब्यौरा नहीं दिया. इसमें सबसे ज्यादा संख्या निर्दलीय प्रत्याशियों की है. जबकि कुछ प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवार हैं.
आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक खर्च का ब्यौरा न देने वाले दलों में सबसे ज्यादा 12 प्रत्याशी राष्ट्रीय लोकदल के हैं. इसके बाद 6 प्रत्याशी पीस पार्टी के , 5 एनसीपी, 4-4 प्रत्याशी सीपीआई औऱ बीएसपी के. जबकि AIMIM के 2 और निषाद पार्टी के दो प्रत्याशी हैं. सीपीआईएमएल के भी दो उम्मीदार हैं। कांग्रेस पार्टी के भी एक उम्मीदवार को चुनाव खर्च का विवरण नहीं जमा किये जाने पर आयोग्य घोषित किया गया है. इन सभी को एक साल के लिए चुनाव लड़ने से रोका गया. यह अवधि अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले विधान सभा चुनाव के बाद ही खत्म होगी.
साला 2022 में विधानसभा चुनाव के लिए आयोग ने प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की रिपोर्ट मॉनिटरिंग किए जाने के लिए चुनाव खर्च पर्यवेक्षक के साथ ही आयकर विभाग के अधिकारियों के विशेष जांच दल की एक्टिव किए जाने की व्यवस्था की है. बता दें कि इस बार चुनाव में मतदाताओं को वोट के बदले में नोट और शराब आदि दिए जाने पर भी सख्त निगरानी की जाएगी.
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