समर सिंह ने रोते गिड़गिड़ाते खोला आकांक्षा दुबे की मौत की पहले वाली रात का राज
Akanksha Dubey: भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत मामले में पुलिस ने समर सिंह को गुरुवार को गाजियाबाद के नंदग्राम थाने से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस के आगे समर सिंह बेबस दिखा. मुंह छिपाता मीडिया वालों से बचता रहा.
Akanksha Dubey: भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. आरोपी समर सिंह गिरफ्तारी के बाद पुलिस के सामने रोता गिड़गिड़ाता रहा. समर सिंह पुलिस के सामने खुद को बेकसूर बताता रहा लेकिन पुलिस ने एक न सुनी और सलाखों के पीछे डाल दिया. पुलिस पूछताछ में समर सिंह ने घटना वाली रात की एक-एक बात पुलिस को बताई है.
मुंह छिपाता रहा
बता दें कि आकांक्षा दुबे की मौत के बाद से सिंगर व अभिनेता समर सिंह उर्फ समरजीत सिंह फरार चल रहा था. आकांक्षा के घर वालों ने समर सिंह और उसके दोस्त संजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस ने समर सिंह को गुरुवार को गाजियाबाद के नंदग्राम थाने से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस के आगे समर सिंह बेबस दिखा. मुंह छिपाता मीडिया वालों से बचता रहा.
पुलिस के सामने गिड़गिड़ाता रहा समर सिंह
पुलिस के मुताबिक, समर सिंह ने पूछताछ के दौरान खुद को बेकसूर बताकर रोता रहा. कहा कि मेरा भविष्य खराब हो जाएगा, मुझे छोड़ दिया जाए. शुरुआती पूछताछ में समर सिंह ने बताया कि आकांक्षा ने न कोई सुसाइड नोट लिखा, न ही आकांक्षा ने आत्महत्या से पहले उसपर कोई आरोप लगाए थे. समर सिंह ने कहा कि उसे फंसाया जाएगा.
...तो इसलिए बदला रहा ठिकाना
पुलिस के मुताबिक, समर सिंह ने बताया कि 25 और 26 मार्च को गोरखपुर में शूटिंग चल रही थी, वह वहीं मौजूद था. उसे शूटिंग के दौरान ही उसे पता चला कि आकांक्षा ने आत्महत्या कर ली. 26 मार्च की रात वह लखनऊ गया था, 27 को आकांक्षा की मां के आरोपों और खुद पर दर्ज मुकदमे की जानकारी उसे मिली तो वह घबरा गया. इसलिए भागता रहा.
पक्ष रखने का सोचा, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सका
समर सिंह ने बताया कि पुलिस से भागते समय कई बार मन में ख्याल कि अपना पक्ष रखूं, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सका. हत्या के बाद वह लखनऊ से कार से गाजियाबाद चला गया था. इस दौरान उसका दोस्त संजय सिंह उसके साथ था. गाजियाबाद के बाद वह दिल्ली, नोएडा और उत्तराखंड तक ठिकाने बदलता रहा.
आकांक्षा ने अपनी अलग पहचान बनाई
समर सिंह के मुताबिक, आकांक्षा हिम्मती लड़की थी, उसने कभी सोचा नहीं था कि वह ऐसा कदम उठा सकती है. उसने अपने दम पर इंडस्ट्री में अलग पहचान बनाई. समर सिंह ने कहा कि अगर उसे आकांक्षा के आत्महत्या की भनक तक लगती तो वह उसे बचाने जरूर वाराणसी जाता.
संजय सिंह रखता था पैसों का हिसाब
समर सिंह ने लखनऊ और मुंबई में अपना दफ्तर खोल रखा था. उसका दोस्त संजय सिंह पैसों का हिसाब देखता था. घटना के बाद समर सिंह प्रयास में था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से उसकी गिरफ्तारी पर स्टे मिल जाए. उसके वकील प्रयास भी कर रहे थे. इसी बीच उसकी गिरफ्तारी हो गई.
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