Advocate Strike in Uttar Pradesh: (प्रमोद शर्मा/अलीगढ़)  बार काउंसिल ऑफ यूपी ने 13 और 14 सितंबर को स्ट्राइक पर रहने का फैसला लिया है.हापुड़ लाठीचार्ज के विरोध में दो दिन को प्रदेश भर के वकील स्ट्राइक पर रहेंगे. पूरे प्रदेश की अदालतों में अगले दो दिनों तक न्यायिक कामकाज नहीं होगा.इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बुधवार 13 सितंबर को स्ट्राइक पर रहने का फैसला लिया है. इलाहाबाद बार भी कल हड़ताल पे रहेगा. वहीं उत्तर प्रदेश में हड़ताली वकीलों का आक्रोश मंगलवार को सड़क पर दिखा. नारेबाजी कर रहे उग्र वकीलों के हाथ में लाठी डंडे दिखे और वो खुलेआम पुलिस को चेतावनी दे रहे थे. यह बताता है कि हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के 15 दिनों बाद भी अधिवक्ताओं की नाराजगी कम नहीं हुई है. 


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लट्ठ लेकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी
अधिवक्ताओं ने हाथों में लट्ठ लेकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और पुलिस को कड़ी चेतावनी दी. वकीलों ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए और पुलिस प्रशासन विरोधी कई तरह की फब्तियां कसते हुए आगे बढ़े. आंदोलित वकीलों का कहना है कि 29 अगस्त को हापुड़ में लाठीचार्ज में घायल उनके साथियों की किसी ने सुध नहीं ली. 15 दिन बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है. अभी तक हमारा कोई हाल पूछने नहीं आया है. हम लोग सड़कों पर हैं आंदोलन कर रहे हैं. न किसी दोषी पुलिस अधिकारी का तबादला हुआ न कार्रवाई.


हम भी लाठी चलाना जानते हैं
अधिवक्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा,  सांकेतिक रूप से हम डंडा साथ लेकर आए हैं. हम पुलिस को बता देना चाहते हैं और सरकार को भी, हम एक संदेश देना चाहते हैं कि लाठी सिर्फ आपके हाथ में ही नहीं है. वकीलों के हाथ में कलम रहती है और कलम ही रहने दें. जिस दिन वकीलों के हाथ में डंडा आ गया. उस दिन उत्तर प्रदेश में एक भी बंदा आपको खाकी पहनने वाला नजर नहीं आएगा, पूरे उत्तर प्रदेश को अधिवक्ता खाकी से मुक्त करने का कार्य करेंगे.


हापुड़ लाठीचार्ज को लेकर गुस्सा
मालूम हो कि हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के बाद आंदोलनरत अधिवक्ताओं ने पांच बड़ी मांगें पुलिस प्रशासन के समक्ष रखी हैं. इसमें लाठीचार्ज के दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई और हापुड़ के डीएम और एसपी को हटाने की मांग शामिल है. हालांकि आरोपी 151 पुलिसकर्मियों पर अदालती आदेश के एफआईआर दर्ज कर ली गई है.


एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो
सरकार से अधिवक्ता एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को भी लागू करने की मांग कर रहे हैं. यूपी बार एसोसिएशन और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की मांग भी की गई है, जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. 


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