आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में बीती देर रात एक धार्मिक स्थल को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. दरअसल, थाना लोहामंडी से चंद कदम की दूरी पर बनी पारस पल्स मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के परिसर में धार्मिक स्थल बना हुआ था. बताया जा रहा है कि पारस पल्स की लाइट अचानक रात में चली गई और पूरे परिसर में घटाघोप अंधेरा हो गया. रात के अंधेरे में पारस पल्स के मुख्य गेट से एंट्री करते ही धार्मिक स्थल है, क्षतिग्रस्त कर जमींदोज कर दिया गया. कुछ ही समय में धार्मिक स्थल तोड़ने की खबर वहां आस्था रखने वालों के बीच पहुंच गई. सैकड़ों लोग पारस पल्स के गेट के बाहर जमा हो गए और खुलकर विरोध करने लगे.


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मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात
विरोध करने वालों का कहना है कि यह पारस पल्स मल्टीस्टोरी बनने से पहले मौजूद था. घटना की जानकारी चंद कदमों पर बने थाना लोहामंडी पहुंची और पुलिस मौके पर आ गई. हालातों और परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस के वायरलेस खटकने लगे और कई थानों के अधिकारी फोर्स के साथ मौके पर आ गए. 


पूरी रात अंधेरे में रहा इलाका
इसके बाद पुलिस ने गेट के बाहर खड़े विरोध करने वालों को थोड़ी दूर ले जाकर खड़ा कर दिया. देर रात तक पारस पल्स परिसर की बिजली गुल थी और पूरा इलाका अंधेरे में समाया हुआ था. पारस पल्स के आसपास किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है. वहीं, मीडिया को भी पारस पल्स के गेट के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई.


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रात के अंधेरे में दरगाह तोड़े जाने का आरोप
स्थानीय निवासी सादिक अली का कहना है कि पारस नाथ की बिल्डिंग में एक दगराह है, जहां पहले उनकी मां बैठती थीं और अब भाभी बैठती हैं. उनका घर भी उस दरगाह के पीछे ही है. सादिक ने बताया कि रात में अचानक लाइट जाने से चारों तरफ अंधेरा हो गया. कुछ समय बाद उनकी भतीजी छत पर आई तो देखा कि दरगाह को कोई बुलडोजर से तोड़ रहा है. जब वह दरगाह के पास आए तो देखा कि दरगाह को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. बुलडोजर अभी भी वहां खड़ा है. 


हिंदू-मुस्लिम दोनों ही करते हैं इबादत
सादिक का आरोप है कि प्रशासन भी मदद नहीं कर रहा है. रात में ही पुलिस ने ऐसा बोला था कि घर जाओ इस बारे में सुबह बात करेंगे. सादिक का सवाल है कि ऐसा करने की वजह क्या है? उन्हें अभी तक समझ नहीं आया. उनका कहना है कि उनके घर के आसपास ही हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं. साथ ही उठते-बैठते, खाते-पीते हैं. वह भी यहां पूजा करने आते हैं और मुस्लिम समुदाय भी यहां दुआ मांगने आता है. अभी तक सब सही चल रहा था. अचानक क्या हुआ कुछ पता नहीं चला.


बरसों से दरगाह बनी होने का दावा
सादिक का कहना है कि दरगाह तो बरसों पुरानी है और बिल्डिंग हाल ही में बनी है. यह बात सभी जानते हैं. दरगाह को क्यों तोड़ा गया इसका जवाब ढूंढना होगा.


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