आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस कस्टडी में हुई एक कर्मचारी की मौत से वाल्मीकि समाज में रोष देखने को मिल रहा है. उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने ऐलान किया है कि कि इस बार समाज वाल्मीकि जयंती नहीं मनाएगा. साथ ही समाज की मांग है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. इसके अलावा, कर्मचारी नेता की सरकार से मांग है कि मृतक के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा देने के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए. वहीं, संघ ने घोषणा की है कि जबतक यह मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी, तब तक वाल्मीकि समाज आंदोलन करता रहेगा. फिलहाल, मृतक अरुण का पोस्टमॉर्टम हो गया है. बताया जा रहा है कि अरुण के शव को लेकर पुलिस घर रवाना हो गई है. 


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थाने के पास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
मामला आगरा के थाना जगदीशपुरा का है. यहां पर मालखाने से 25 लाख रुपये चोरी के आरोप में मंगलवार रात को पुलिस ने अरुण नाम के सफाईकर्मी को हिरासत में लिया था. इसके बाद हिरासत में ही अरुण की मौत की खबर आई मिली, जिसके बाद अरुण के भाई सोनू ने थाना जगदीशपुरा में अज्ञातों के खिलाफ धारा 302 के तहत केस दर्ज कराया था. वाल्मीकि समाज में रोष देखते हुए थाना जगदीशपुरा के आसपास भारी संख्या में पुलिसबल तैनात की गई है. साथ ही, केस दर्ज होने के बाद एसएसपी ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं. 


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अखिलेश यादव ने दी प्रतिक्रिया
आगरा के पुलिस थाने में सफाई कर्मचारी की मौत मामले में विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि "भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है तो फिर अपराध कैसे रुकेगा? आगरा में पहले सांठगांठ कर थाने के मालखाने से 25 लाख की चोरी कराई गई फिर सच छिपाने के लिए गिरफ्तार किए गए सफाईकर्मी की कस्टडी में हत्या स्तब्ध करती है! हत्यारे पुलिस कर्मियों पर हो सख्त कार्रवाई."


वाल्मीकि जयंती पर ही उनके संदेशों के खिलाफ किया काम- प्रियंका गांधी
"किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है. भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उप्र सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है. उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले."



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