लखनऊ: लखीमपुर हिंसा मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत मामले में आदेश सुरक्षित रखा है. आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई अब 11 जनवरी को होगी. मामले की सुनवाई जस्टिस राजीव सिंह ने की. सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा के वकील ने सरकार के काउंटर ऐफिडेविट का जवाब दाखिल करने का समय मांगा है. बता दें कि सरकार की तरफ से AAG विनोद शाही ने पक्ष रखा.


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SIT ने दाखिल की 5000 पन्नों की चार्जशीट
इससे पहले एसआईटी (SIT) ने 3 जनवरी को सीजेएम कोर्ट में 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को मुख्य आरोपी बताया गया है. चार्जशीट में एक नाम बढ़ा है. मंत्री टेनी के रिश्तेदार और पलिया ब्लॉक प्रमुख वीरेंद्र शुक्ला का नाम भी चार्जशीट में है.


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13 आरोपी जेल में हैं बंद 
इस केस में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत 13 आरोपी जिला कारागार में बंद हैं. आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी 10 अक्टूबर को हुई थी. उससे पहले 7 अक्टूबर को आशीष मिश्रा के करीबी लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार किया गया था. दोनों को 8 अक्टूबर को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था. पूर्व कांग्रेस सांसद अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास भी लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी हैं और फिलहाल जेल में बंद हैं. 


3 अक्टूबर 2020 को हुई थी घटना 
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर 2021 को हुई इस घटना में 4 किसानों व एक स्थानीय पत्रकार समेत 8 लोगों की मौत हुई थी. आशीष मिश्रा व उसके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपनी गाड़ी से रौंद दिया. इसमें 4 किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इसके बाद आक्रोशित किसानों ने दो गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और उनमें बैठे तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया.


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हत्या नहीं सोची समझी साजिश है तिकुनिया कांड- SIT
इसके बाद 4 अक्टूबर को तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा समेत कई अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि बीते दिनों एसआईटी ने अपनी जांच में खुलासा किया कि हादसा नहीं बल्कि सोची समझी साजिश है. सीजेएम कोर्ट से परमिशन मिलने के बाद एसआईटी ने आशीष मिश्रा समेत अन्य आरोपियों पर हत्या और हत्या का प्रयास की धाराएं लगाईं. 


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