मो.गुफरान/प्रयागराज: यूपी लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षा में वर्ष 2012 से 2017 के बीच हुई बड़े पैमाने पर धांधली मामले की जांच तेज हो गई है. मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम बुधवार को दोपहर में लोक सेवा आयोग परिसर पहुंची. सीबीआई के डिप्टी एसपी के नेतृत्व में पहुंची टीम ने आयोग परिसर के भीतर भर्ती धांधली मामले से जुड़े दस्तावेजों सहित अन्य मामलों की गहनता से जांच पड़ताल की. जांच पड़ताल के बाद देर शाम सीबीआई की टीम अपने कैंप कार्यालय के लिए रवाना हो गई.


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सीबीआई से मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को जांच कर रही सीबीआई से मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. सीबीआई को अभी तक भर्ती परीक्षा में हुई धांधली मामले में की गई जांच की रिपोर्ट को 1 सप्ताह के भीतर कोर्ट के समक्ष पेश करना है. हाईकोर्ट में मामले को लेकर 18 अप्रैल को सुनवाई होगी. ऐसे में सीबीआई की टीम बुधवार को दिन भर यूपी लोक सेवा आयोग के मुख्यालय के भीतर जांच पड़ताल में जुटी रही.


सीबीआई ने दर्ज की अगस्त 2021 मे FIR
बता दें कि वर्ष 2010 एपीएस भर्ती मामले में जांच कर रही सीबीआई ने अगस्त 2021 मे एफआईआर दर्ज की है. हालांकि अभी तक इस पूरे प्रकरण में सीबीआई किस नतीजे तक पहुंची है, इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है. इसके अलावा वर्ष 2012 से 2017 मे सपा शासनकाल के दौरान आयोग की हुई अन्य भर्ती परीक्षा मे भी व्यापक तौर पर धांधली का आरोप लगा है. तत्कालीन आयोग के चेयरमैन अनिल यादव पर भी अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा था. जिसकी जांच भी सीबीआई की टीम कर रही है. 


लंबे समय से किसी तरह की कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के चलते ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पाण्डेय समेत अन्य प्रतियोगी छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट की निगरानी में जांच रिपोर्ट पेश करने की मांग की है. जिस पर मंगलवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद सीबीआई के वकील से कोर्ट ने जानकारी मांगी कि अभी तक इस पूरे प्रकरण में क्या कुछ कार्रवाई हुई है. जिस पर सीबीआई के वकील कोई ठोस जवाब कोर्ट में नहीं दे सके.सीबीआई के वकील ने इस दौरान कोर्ट से एक हफ़्ते का समय मांगा. जिस पर कोर्ट ने उन्हें समय देते पूरे प्रकरण की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है.


आयोग की भर्ती परीक्षा में करीब 40,000 चयनित अभ्यर्थियों की जांच 
बता दें कि वर्ष 2012 से 2017 के बीच हुई आयोग की भर्ती परीक्षा में करीब 40,000 चयनित अभ्यर्थियों की जांच सीबीआई के द्वारा की जा रही है. अभी तक सीबीआई की तरफ से पूरे प्रकरण में पीसीएस 2015 और एपीएस 2010 परीक्षा में एफआईआर दर्ज की है. इन भर्ती परीक्षाओं में एसडीएम, डिप्टी एसपी, मुंसिफ मजिस्ट्रेट, डॉक्टर, इंजीनियर, राजकीय डिग्री कॉलेज कॉलेज के प्राचार्य, सचिवालय के अपर निजी सचिव और समीक्षा अधिकारी समेत कई पदों पर भर्तियां हुई हैं.


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