मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज :  इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक बड़ी खबर आ रही है. प्रदेश में खुलेआम बिक रहे एसिड पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है. 


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''एसिड बिक्री रोकने के लिए क्या किया''
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि प्रदेश में खुलेआम एसिड बिक्री पर रोकथाम को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं? कोर्ट ने यह भी पूछा है कि कितने एसिड अटैक पीड़ितों को अब तक मुआवजा दिया गया है? यही नहीं पिछले पांच साल में हुए एसिड अटैक की घटनाओं का हाईकोर्ट ने ब्यौरा भी मांगा है.  


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हलफनामा दाखिल करेंगे डिप्टी चीफ सेक्रेटरी
उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार के डिप्टी चीफ सेक्रेटरी से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है. 23 जनवरी को मामले में होगी अगली सुनवाई. नव्या केसरवानी व अन्य की तरफ से जनहित याचिका दाखिल की गई है. चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई की. 


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सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है मामला


प्रदेश मेरठ, गाजीपुर, आगरा, नोएडा समेत अलग-अलग जनपदों खुलेआम एसिड की बिक्री के मामले सामने आते रहे हैं. बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग उदासीन नजर आते हैं. यह मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंच चुका है. यहां भी सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से जवाब मांगा था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों को एसिड की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने को कह चुका है. खुलेआम तेजाब की बिक्री की वजह से आए दिन एसिड अटैक के मामले भी सामने आते हैं. ऐसे में राज्य सरकारों तथा जिम्मेदार एजेंसियों की उदासीनता सवाल खड़े करती है.