वेणी माधव मंदिर परिक्रमा मार्ग से महंत की भू-समाधि हटाने को लेकर वाद दायर, 11 अगस्त को होगी सुनवाई
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वेणी माधव मंदिर परिक्रमा मार्ग से महंत की भू-समाधि हटाने को लेकर वाद दायर, 11 अगस्त को होगी सुनवाई

जिले के दारागंज स्थित पौराणिक वेणी माधव मंदिर के गर्भगृह परिक्रमा मार्ग में निर्मित ब्रह्मलीन महंत ओंकार गिरि की समाधि हटाने को लेकर वाद दायर किया गया है. समाधि हटाने की मांग को लेकर दाखिल इस केस की सुनवाई 11 अगस्त 2022 को होगी.

वेणी माधव मंदिर परिक्रमा मार्ग से महंत की भू-समाधि हटाने को लेकर वाद दायर, 11 अगस्त को होगी सुनवाई

मोहम्मद गुफरान/ प्रयागराज: जिले के दारागंज स्थित पौराणिक वेणी माधव मंदिर के गर्भगृह परिक्रमा मार्ग में निर्मित ब्रह्मलीन महंत ओंकार गिरि की समाधि हटाने को लेकर वाद दायर किया गया है. समाधि हटाने की मांग को लेकर दाखिल इस केस की सुनवाई 11 अगस्त 2022 को होगी. मोरी दारागंज निवासी रामचंद्र शर्मा ने यह सिविल वाद अतिरिक्त सिविल जज कनिष्ठ श्रेणी पंचम इलाहाबाद की अदालत में दायर किया है. जिसमें दिवंगत महंत ओंकार गिरी की पुत्री विभा त्रिपाठी, सर्वकारा महंत वेणी माधव मंदिर एवं विराजमान वेणी माधव बजरिए सचिव महानिर्वाणी अखाड़ा दारागंज को पक्षकार बनाया गया है.

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ओंकार गिरि ने खुद को घोषित किया था महंत
इस मामले में वादी रामचंद्र शर्मा का कहना है कि वेणी माधव मंदिर एक पौराणिक मंदिर है. जिससे देश विदेश के तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है. इस मंदिर का पुनर्निर्माण दो सौ साल पहले भूस्वामी माता कार्तिक पांडेय ने कराया था. मंदिर के सामने धर्मशाला व शिव मंदिर भी बनवाया गया था. वहीं, मंदिर निर्वाणी अखाड़ा को देख-रेख पूजापाठ के लिए सौंप दिया गया था. श्रीराम त्रिपाठी सागर मध्य प्रदेश निवासी को अखाड़े ने मंदिर में पुजारी रखा था. उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र ओंकार नाथ त्रिपाठी मंदिर की देख-रेख और पूजा-पाठ करने लगे. इसी के साथ ही वह महानिर्वाणी अखाड़े के शिष्य बन गए. कुछ समय बाद मनमुटाव होने पर ओंकार नाथ त्रिपाठी ने वेणी माधव मंदिर सेवा समिति ट्रस्ट गठित कर लिया और अपना नाम ओंकार गिरि रख स्वयं को महंत घोषित करा लिया. जिनका कोरोना काल में मई 2020 में निधन हो गया.

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वादी ने समाधि हटाने को लेकर कोर्ट से की प्रार्थना
बता दें कि उनकी पुत्री विभा त्रिपाठी ने तत्कालीन अखाड़ा परिषद अध्यक्ष स्व. नरेंद्र गिरि व जूना अखाड़ा के हरि गिरि के सहयोग से ओंकार गिरि को जल समाधि न देकर 7 मई 2020 को परिक्रमा मार्ग के किनारे भू समाधि दे दी. पुलिस प्रशासन ने कोविड 19 का हवाला देकर विरोध किया गया. फिर भी भू समाधि दे दी गई. जिसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है, लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हो सकी है. वहीं, वादी का कहना है कि परिक्रमा मार्ग में भू समाधि बनाना आस्था से खिलवाड़ है. वादी सहित लाखों श्रद्धालुओं को ठेस पहुंची है. वादी समाधि को हटाने की प्रार्थना की गई है.

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