मो.गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. छात्र फीस में चार गुना वृद्धि वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. वहीं विश्विद्यालय प्रशासन भी अपने फैसले पर अडिग है. छात्रों के फीस वृद्धि आंदोलन को आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. विक्रम का भी समर्थन मिला है. प्रोफेसर विक्रम ने आज छात्रों के आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए कहा है कि विवि प्रशासन को फीस वृद्धि का फैसला वापस लेना चाहिए. छात्र हितों को देखते हुए विवि प्रशासन को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

छात्रों को समाजवादी पार्टी का भी मिला साथ 
प्रोफेसर विक्रम ने कहा कि इस लड़ाई में वह छात्रों के साथ हैं. इसके लिए चाहे उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े, लेकिन वह पीछे नहीं हटेंगे. वहीं छात्रों के इस आंदोलन को समाजवादी पार्टी के एक डेलिगेशन ने भी अपना समर्थन दिया है. समाजवादी पार्टी के नेता संदीप यादव ने आज आंदोलन स्थल पर पहुंचकर छात्रों का हौसला अफजाई किया. उन्होंने कहा है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर वह अपना समर्थन देने के लिए यहां पर पहुंचे हैं. उन्होंने कहा है कि अगर फीस वृद्धि के फैसले को  विश्वविद्यालय प्रशासन वापस नहीं लेता है, तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन के लिए छात्र बाध्य होंगे. जिसका समर्थन समाजवादी पार्टी भी समर्थन करेगी. 


विवि चीफ ने जिला प्रशासन को दी चेतावनी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ भवन स्थित गेट के ताले को भी छात्रों ने तोड़ दिया है. जिसके बाद छात्रों और पुलिसकर्मियों के साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच नोकझोंक भी हुई है. इस दौरान विश्वविद्यालय परिसर का माहौल तनावपूर्ण हो गया. खुद विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर कुमार हर्ष कुमार ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि छात्रों को हर कीमत पर यहां से हटाना होगा, वरना वह खुद भी धरने पर बैठने के लिए बाध्य होंगे. चीफ प्रॉक्टर ने धरने पर बैठे छात्रों को पुलिस प्रशासन से गिरफ्तार करने को कहा.  


इन यूनिवर्सिटीज में भी हो रहा विरोध  

इलाबाहाद यूनिवर्सिटी के अलावा रायबरेली, कानपुर और लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने फीस वृद्धि को कम करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है. प्रदर्शन एनएसयूआई के बैनर तले हुए.