लखनऊ: देश आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को उनकी चौथी पुण्‍यतिथि पर श्रद्धापूर्वक याद कर रहा है. इस मौके पर दिल्ली में सदैव अटल पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रद्धांजलि देने वहां पहुंचे. 16 अगस्त 2018 को उनका देहांत हो गया था. उनकी गिनती देश की सियासत के उन चंद नेताओं में होती है जो कभी दलगत राजनीति के बंधन में नहीं बंधे. उन्हें हमेशा ही सभी पार्टियों से भरपूर प्यार व स्नेह मिला.


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देश के तमाम नेता और जनता उनको याद कर रहे हैं. देश के PM नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,गृहमंत्री अमित शाह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत तमान नेताओं ने पूर्व पीएम की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि दी. 


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सीएम योगी ने दी विनम्र श्रद्धांजलि


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा-लोकप्रिय जननेता, प्रखर राष्ट्रभक्त, ओजस्वी वक्ता, असंख्य कार्यकर्ताओं के प्रेरणा-पुंज, पूर्व प्रधानमंत्री, 'भारत रत्न' श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! आपका शुचितापूर्ण राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन लोकतंत्र हेतु सदैव आदर्श मानक रहेगा।



अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने 
साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने महज 13 दिन में ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था. हालांकि वह 1998 में दोबारा प्रधानमंत्री के पद के लिए चुने गए. फिर तीसरी बार 1999 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे. तब उन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया. वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा के लिए चुने गए थे. 


संयुक्त राष्ट्र विधानसभा में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री थे वाजपेयी
भारत के पूर्व पीएम वाजपेयी हिंदी में संयुक्त राष्ट्र विधानसभा में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री भी थे (Atal Bihari Vajpayee Political Journey). 4 अक्टूबर, 1977 को उन्होंने जब हिंदी में भाषण दिया, तो यूएन तालियों से गूंज उठा था.


कविता तथा सादगी के बीच गुजरा जीवन
अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के बटेश्वर में था, हालांकि उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था.  ग्वालियर के ही विक्टोरिया कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की. उनके पिता का नाम श्री कृष्ण वाजपेयी था, वह एक स्कूल मास्टर और कवि थे. उनके पूरे जीवन पर नजर डालें तो वो राजनीति, कविता तथा सादगी के बीच गुजरा.


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