Atiq Ahmed Murder: यूपी के माफिया रहे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को रविवार को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया. पुलिस कस्टडी में हुई अतीक और अशरफ की हत्या को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. इसी बीच मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है. शीर्ष अदालत में याचिका दायर पुलिस हिरासत में अतीक और उसके भाई की हत्या की जांज की मांग की गई है. एडवोकेट विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस याचिका में मांग की गई है कि 2017 से अब तक यूपी में जितने भी एनकाउंटर हुए हैं उसकी एक्सपर्ट कमेटी से जांच कराई जाए. अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात पुलिस की मौजूदगी में प्रयागराज के एक अस्पताल में ले जाने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमलावर पुलिस की गिरफ्त में हैं.


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सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच
अधिवक्ता विशाल तिवारी ने अपनी पीआईएल में मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ट जज की निगरानी में ही इसकी जांच कराई जाए. इसके अलावा याचिका में मांग की है कि 2017 से अब तक 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट रिटायर जज की निगरानी एक्सपर्ट कमेटी बना कर की जाए. याचिका में कहा गया है कि पुलिस कस्टडी में ऐसे हत्याकांड या फर्जी मुठभेड़ के बहाने हत्या की वारदात कानून के शासन का उल्लंघन है. विकास दुबे से लेकर असद की मुठभेड़ में हत्या या फिर अब अतीक-अशरफ की हत्या इसी श्रेणी में आती है. ये अराजकता लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती है. इस मामले में जांच आयोग सबूतों को दर्ज नहीं कर पाया था। इसकी गैरमौजूदगी में ही जांच रिपोर्ट दाखिल कर दी गई थी.


हाई सिक्योरिटी बैरक में अतीक के हत्यारे
प्रयागराज-अतीक के हत्या में शामिल आरोपियों को अलग-अलग हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है. बैरक के बाहर बॉडी वार्न कैमरे से लैस सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. सीसीटीवी कैमरे से बैरक की 24 घंटे निगरानी की जा रही है.


अतीक को लगी थी कुल 8 गोलियां, अशरफ को पांच
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक अतीक अहमद को कुल 8 गोलियां लगी. इनमें से 1 सिर में, 1 गर्दन में, 1 छाती में और 1 कमर में लगी है. वहीं अशरफ को पांच गोलियां मारी गईं. इनमें से एक एक गले में, एक बीच पीठ में, एक कलाई में. एक पेट में और एक कमर में मारी गईं हैं गोली.


अतीक के कारनामे का काला चिट्ठा
अतीक अहमद और अशरफ का आपराधिक इतिहास बेहद क्रूर रहा है. अतीक अहमद के खिलाफ 1979 से अब तक 101 मुकदमा दर्ज हुए जबकि अशरफ के खिलाफ 57 मुकदमे दर्ज थे. अतीक पर हत्या, हत्या की कोशिश, किडनैपिंग, रंगदारी जैसे 100 से अधिक मामले दर्ज थे.  1989 में चांद बाबा की हत्या, 2002 में नस्सन की हत्या का आरोप था. वहीं 2004 में मुरली मनोहर जोशी के करीबी बीजेपी नेता अशरफ की हत्या और 2005 में राजू पाल की हत्या का आरोप था.  अतीक के खौफ का आलम यह था कि साल 2012 में जब उसने हाइकोर्ट में जमानत की अर्जी दी तो 10 जजों ने केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. यही कारण था कि अतीक से पीड़ित और उसके दुश्मनों की संख्या काफी ज्यादा थी. 2005 में राजू पाल की हत्या के बाद पुलिस जब राजू पाल की बॉडी को लेकर जा रही थी तो उसने 56 किलोमीटर तक उसका पीछा किया था और मेडिकल कॉलेज में डेड बॉडी पर गोलियां चलाई थीं. 2007 में जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे तब अतीक के भाई अशरफ ने मदरसे से 2 लड़कियों को उठा उनका रेप किया और बाद में उन्हें मदरसे में छोड़ दिया था.


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