अयोध्या दीपोत्सव में रेत पर जीवंत होंगे रामायण कालीन प्रसंग, उकेरी जा रहीं सुंदर आकृतियां
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अयोध्या दीपोत्सव में रेत पर जीवंत होंगे रामायण कालीन प्रसंग, उकेरी जा रहीं सुंदर आकृतियां

रामनगरी अयोध्या में दीपोत्सव को तैयारियां अंतिम चरण में हैं. अयोध्या की सौंदर्यीकरण में कोई कोर कसर बाकी न रहे. इसके लिए एक तरफ जहां प्रशासन युद्धस्तर पर तैयारियों को पूरी कर रहा है.

अयोध्या दीपोत्सव में रेत पर जीवंत होंगे रामायण कालीन प्रसंग, उकेरी जा रहीं सुंदर आकृतियां

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में दीपोत्सव को तैयारियां अंतिम चरण में हैं. अयोध्या की सौंदर्यीकरण में कोई कोर कसर बाकी न रहे. इसके लिए एक तरफ जहां प्रशासन युद्धस्तर पर तैयारियों को पूरी कर रहा है. वहीं दूसरी ओर सरयू तट पर रेत पर रामायण कालीन सुंदर आकृतियां भी उकेरी जा रही हैं. 

रामायण कालीन चरित्रों का रेत के माध्यम से चित्रण अयोध्या सरयू तट पर स्थित VVIP सरयू अतिथि गृह के सामने वाराणसी से आये काशी विद्यापीठ फाइन आर्ट्स विभाग के छात्रों द्वारा किया जा रहा है. काशी विद्यापीठ के फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट के छात्र रूपेश सिंह के नेतृत्व में 20 छात्रों का दल पिछले 2 दिनों से इस कार्य मे लगा हुआ है. 

रूपेश सिंह ने बताया कि अयोध्या दीपोत्सव में सैंड आर्ट स्कल्पचर के प्रदर्शन का इस बार तीसरा अवसर है, इससे पहले भी 2020,2021 में उनके द्वारा इसी तरह का प्रदर्शन किया जा चुका है. रेत के माध्यम से उकेरी जा रही आकृतियों के बारे में रूपेश सिंह ने बताया कि उन्होंने यहां एक रामायण सीरीज के आधार पर कार्य किया है, इसमें सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कृति उकेरी जाएगी. इसके बाद भगवान राम के लंका विजय के बाद अयोध्या आगमन के समय से विभिन्न प्रसंगों को दिखाया जाएगा.

उकेरी जा रही कलाकृतियों के क्रम में सबसे पहले भगवान राम के पुष्पक विमान से आगमन,इसके बाद केवट अनुराग का प्रसंग,तत्पश्चात भरत मिलाप व चरण वंदना के माध्यम से चरित्रों को कृति के माध्यम से जीवंत किया जाएगा. इसी क्रम में भगवान राम के अयोध्या आगमन प्रजा की महिलाओं द्वारा ढिंढोरा पिटवाना,माताओं द्वारा आरती उतारने, के बाद राम दरबार की झांकी और अयोध्या में दीपोत्सव के प्रसंगों का चित्रण किया जाएगा. 

सैंड आर्टिस्ट छात्र दल द्वारा बताया गया कि हम कई जगह इस कला का प्रदर्शन करते हैं,लेकिन अपनी कला प्रदर्शन को लेकर जो आत्मिक सुख की अनुभूति अयोध्या में मिलती है, वो अपने आप में अलौकिक है. 

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