सत्यप्रकाश/अयोध्या: भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है. बीते दिनों जब भगवान टेंट में थे, तब मूलभूत सुविधाओं का टोटा था. अस्थाई मंदिर में भगवान राम लला के राग भोग और आरती अब विशेष तरीके से हो रही है. भगवान का हर उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. रामलला के अब राग भोग में भी बदलाव हुआ है.


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सुबह 6:30 बजे होने वाली मंगला आरती में लगाया जाने वाले बाल भोग में पहले भगवान को पेड़े का भोग लगाया जाता था. अब नई व्यवस्था के तहत भगवान को सुबह बाल भोग में रबड़ी का भोग लगाया जाएगा, राम लला के दर्शन को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में वह रबड़ी बाल भोग के प्रसाद के तौर पर बांटी भी जाएगी. इतना ही नहीं ठंड को ले करके अब भगवान को विशेष तरीके के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा, जो गरिष्ठ होंगे और ठंडी के लिहाज से राम लला को गर्मी प्रदान करेंगे.


इतना ही नहीं भगवान रामलला को ठंड से बचाने के लिए राम जन्म भूमि के अस्थाई मंदिर में विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी. रामलला के प्रधान पुजारी की माने तो भगवान को गर्म कपड़े धारण कराए जाएंगे. इसके अलावा उनको भोग भी उन्हीं व्यंजनों का लगाया जाएगा, जिससे भगवान के अंदर गर्मी बनी रहे. ठंड से बचने के लिए गर्म हवा फेंकने वाली मशीन यानी ब्लोअर का इस्तेमाल राम जन्म भूमि के अस्थाई मंदिर में किया जाएगा. भगवान राम लला बाल रूप में हैं, इसलिए उनकी सेवा बालक स्वरूप मानकर ही की जाती है. 


रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि सर्दी के मौसम में रामलला को गरिष्ठ व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. जिसमें हलवा पूड़ी खीर प्रमुखता से शामिल की जाती है. जिसमें भगवान को लगने वाला बाल भोग, राजभोग इन सभी में व्यंजन बदलकर भोग लगाए जाते हैं. अब रामलला को सुबह 6:30 बजे लगाए जाने वाला बाल भोग रबड़ी का लगाया जाएगा. बाल भोग का प्रसाद पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में वितरित भी किया जाएगा.