लखनऊ: बच्चों की दवाई को लेकर प्रदेश स्तर पर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, शिशुओं को दी जाने वाली एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन सिरप जांच के दौरान मिसब्रांड पाई गई हैं. मतलब, सिरप की शीशियों पर न तो सही से एक्सपायरी डेट छपी हुई थी, न ही बाकी जानकारी. बताया जा रहा है कि प्रदेश के कई बड़ा सरकारी अस्पतालों में सिरप की इन बोतलों की सप्लाई की गई थी. अब यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड सभी डिस्ट्रिक्ट के सीएमओ को पत्र लिखकर सिरप लौटाने के निर्देश दे रहा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

UP Chunav 2022: अखिलेश यादव के खिलाफ बड़ा दांव खेल सकती है BJP, अपर्णा यादव को उतारेगी मैदान में?


रोका गया दवाई का वितरण
बता दें, कोरोना महामारी से बच्चों को बचाने के लिए यह सिरप अस्पतालों में मुफ्त बांटे जा रहे थे. लेकिन, फिलहाल के लिए वितरण रोक दिया गया है और बाकी बोतलें वापस भेजने के निर्देश दिए गए हैं. यूपी के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाइयों के स्टॉक का जिम्मा यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन के जिम्मे है. बताया जा रहा है कि मेसर्स टेरेस फार्मास्युटिकल प्राइवेट लिमिटेड से 100 एमएल एजिथ्रोमाइसिन सिरप की बोतलें खरीदी गई थीं. 


लाखों की संख्या में आया था ऑर्डर
लखनऊ में 2.78 लाख सिरप का ऑर्डर दिया गया था. वहीं, प्रयागराज और बलिया से 1-1 लाख का ऑर्डर मिला था. बाकी जिलों में भी इस सिरप की मांग की गई थी और सभी को शीशियां सप्लाई की गई थीं. अब कॉरपोरेशन की प्रबंध निदेशक कंचन वर्मा ने सीएमओ को पत्र लिखकर ये शीशियां वापस जमा करने के लिए कहा है.


Weather Update: कल से बदलने वाला है मौसम, वेस्टर्न यूपी में बनी रहेगी ठंड, जानें अपने शहर का हाल


सरकारी अस्पतालों में हड़कंप
जानकारी मिल रही है कि एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन सिरप की क्वॉलिटी में मिलावट की सूचना मिलने के बाद से ही सरकारी अस्पतालों में हड़कंप मचा है. बदलते मौसम में बड़ी संख्या में लोगों को खांसी-जुकाम की शिकायत हो रही है. साथ ही, इसी संक्रमण भी हो रहा है. पीडियाट्रिक्स के डॉक्टर्स बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए एंटीबायोटिक सिरप एजिथ्रोमाइसिन ही रिकमेंड करते हैं.


WATCH LIVE TV