भारत के लोगों के हृदय में चूहे के लिए कितनी क्रूरता और कोमलता है. इसकी बानगी उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में देखने को मिली.
Trending Photos
अमित अग्रवाल/बदायूं: भारत के लोगों के हृदय में चूहे के लिए कितनी क्रूरता और कोमलता है. इसकी बानगी उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में देखने को मिली. यहां पर एक शख्स चूहे की क्रूर हत्या करने की कोशिश कर रहा होता है, दूसरा नाले में कूदकर उसकी प्राणों की रक्षा कर रहा होता है, जब वह उसकी जान नहीं बचा पाता है तो चूहे को न्याय दिलाने के लिए कानून का सहारा लेता है. थाने में चूहे की हत्या करने वाले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराता है, जहां पर आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लायी जा रही है.
बदायूं में एक व्यक्ति ने एक चूहे को बहुत ही निर्मम तरीके से उसका जीवन छीन लिया. चूहे की पूंछ में रस्सी बांधकर उसको पत्थर के टुकड़े से बांधकर उसे नाले में डाल कर डुबा रहा था. रास्ते से गुजर रहे एक पशु प्रेमी विकेंद्र ने जब उससे ऐसा करने को मना किया और चूहे को खोलने को कहा तो उसने उसको नाले में फेंक दिया. इसके बाद विकेंद्र ने नाले में कूदकर चूहे को बाहर निकाला. हालांकि चूहा थोड़ी देर बाद मर गया. विकेंद्र ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत बदायूं कोतवाली में प्रार्थना पत्र दी तो पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया गया. पूछताछ करके छोड़ दिया गया. वहीं, चूहे को पोस्टमार्टम के लिए IVRI बरेली भेज दिया गया है.
बदायूं शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में विकेंद्र शर्मा गुरूवार को शहर में गांधी ग्राउंड चौराहे के पास से जा रहे थे. विकेंद्र शर्मा एक पशु प्रेमी के रूप में जाने जाते हैं. विकेंद्र पीपल फॉर एनिमल(PFA)के जिलाध्यक्ष भी हैं. विकेंद्र ने हमें बताया कि जब वो नाले के पास से गुजर रहे थे तभी उन्होंने एक व्यक्ति और उसके साथ कुछ बच्चे भी बैठे नाले के पास बैठे हुए थे. व्यक्ति ने एक चूहे को उसकी पूंछ से एक पत्थर बांध कर नाले में बार बार डूबा रहा था. मैंने जब उससे ऐसा करने को मना किया तो उसने चूहे को नाले में फेंक दिया. मैंने नाले में कूदकर चूहे को निकाला. इस दौरान चूहा जिन्दा था, लेकिन कुछ ही देर में वह मर गया. जब मैंने उस व्यक्ति से उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम मनोज बताया और कहा कि मैंने रोज ऐसे ही चूहे मारता हूं और आगे भी मारूंगा जो चाहे वो कर लेना.
WATCH: चाइनीज मांझे से बाइक सवार का गला कटा, जानें क्यों इतना खतरनाक होता है ये मांझा और इसकी बिक्री को लेकर क्या है कानून