नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: बाराबंकी जिले में एक गांव के बाहर खेत में दंपत्ति के शव को जबरन दफनाने को लेकर दो पक्षों में जमकर विवाद हो गया. एक पक्ष के द्वारा जबरन मृतक के शवों को दफ्न कर पक्की समाधि भी बना दी गई. बवाल की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस-प्रशासन की टीम ने इकट्ठा सैकड़ों लोगों को खदेड़ा. कड़ी मशक्कत और परिजनों को काफी समझाने के बाद शवों को निकलवाकर दूसरी जगह दफनाया जा सका.


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पूरा मामला बाराबंकी में थाना लोनी कटरा के बड़वल गांव से जुड़ा है. जहां के निवासी छंगा लाल की पत्नी रामेश्वरी (62 वर्ष) की मौत कल शाम करीब चार बजे हो गई थी. वहीं जानकारी के मुताबिक बीमार छंगा लाल की भी मौत आज सुबह लगभग पांच बजे हो गई. दोनों के शव लेकर परिजन बड़वल चौराहे के पास सड़क किनारे खेत में गड्ढा खोदकर दफनाने लगे. जिसका गांव निवासी दूसरे पक्ष के अजय कुमार ने विरोध किया और पुलिस को मामले की जानकारी भी दी. लेकिन संख्या बल ज्यादा होने के कारण पुलिस पहुंचने से पहले ही दोनों के शव दफना कर परिजनों ने वहां पक्की समाधि भी बना डाली.


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वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर समाधि का काम रुकवाया और मामले की सूचना एसडीएम हैदरगढ़ के साथ सीओ को भी दी. मौके पर पहुंची क्षेत्रीय लेखपाल ने भी समाधि का निर्माण अजय कुमार पुत्र सूर्य लाल की गाटा संख्या 248 में होना पाया. लेखपाल के मुताबिक बगल की जमीन सरकारी है. जिसके बाद पुलिस और प्रशासन की टीम ने काफी बातचीत और कड़ी मशक्कत के बाद बनाई गई समाधि को हटाने के लिए परिजनों को राजी किया। फिर दोनों के शवों को निकलवाकर दूसरी जगह दफनाया जा सका.


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वहीं, मृतक दंपत्ति के बेटे का आरोप है कि पुलिस ने उनकी पिटाई भी की और जबरदस्ती शवों को निकलवाकर दूसरी जगह दफना दिया जबकि पुलिस-प्रशासन ने परिजनों के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि परिजनों की रजामंदी के बाद शव को दूसरी जगह दफनाया गया है. उनके मुताबिक गांव के कुछ लोगों ने परिजनों को भड़का कर समाधि बनवा दी थी, दोनों शवों को अब शांति पूर्वक परिजनों को समझाने के बाद दूसरी जगह दफना दिया गया है.