नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: हिंदू धर्म में नारियल का विशेष महत्व है, पूजा-पाठ से लेकर हर धार्मिक अनुष्ठान में नारियल का इस्तेमाल होता है. ऐसे में राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में एक चमत्कारी मंदिर ऐसा भी है, जहां बाकी मंदिरों की तरह भोग के लिये मिठाई या लड्डू-पेड़ा नहीं चढ़ाया जाता बल्कि यहां भक्त माता को सिर्फ नारियल का भोग चढ़ाते हैं. इसके अलावा इस मंदिर का एक रहस्य यह भी है कि यहां देवी मां अपने भक्तों को उन्हीं के चढ़ाये हुए नारियल को चटकाकर उनकी मुराद पूरी होने का संकेत भी दे देती हैं.


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मंदिर के पीछे का रहस्य और कहानी है रोचक
मनोकामना सिद्ध मंदिर के नाम से जाना जाने वाला यह स्थान बाराबंकी जिले के सोमैया नगर के पास ढकौली में स्थित है. इस मंदिर के पीछे का रहस्य और यहां की कहानी बेहद ही रोचक व अकल्पनीय है. यहां मंदिर में दूर-दूर से भक्त अपनी-अपनी मनोकामना पूर्ति के लिये पहुंचते हैं. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां माता जी को भोग के लिये मिठाई या लड्डू-पेड़ा नहीं चढ़ाया जाता, बल्कि देवी मां को प्रसाद के रूप में अपना नाम लिखकर या निशान लगाकर नारियल चढ़ाया जाता है. भक्तों के मुताबिक इसी नारियल को चटकाकर माता अपने भक्तों को संकेत देती हैं कि उनकी मनोकामना पूरी होगी या नहीं और पूरी होगी तो कितने समय में पूरी होगी. हालांकि नारियल कैसे चटकता है, यह राज और इसके पीछे का रहस्य आज तक कोई नहीं जान सका है.


मुराद पूरी होने का संकेत देती हैं माता
भक्तों के मुताबिक इस चमत्कारी मंदिर में माता अपने भक्तों को उनकी मुराद पूरी होने का संकेत भी देती हैं. उनके मुताबिक जिस भक्त की मनोकामना पूरी होनी होती है, उसका नाम लिखा या निशान लगाया नारियल माता के चरणों में चढ़ाने के बाद चटक जाता है। मंदिर में आये भक्तों ने बताया कि वह पिछले कई सालों से लगातार मंदिर आ रहे हैं और उनकी कई मनोकामना यहां आकर पूरी हुई हैं। उनकी इस मंदिर को लेकर बेहद अटूट आस्था है।


कई भक्तों ने बताया कि मंदिर आने से पहले तो इस बात पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है,कि नारियल अपने आप कैसे चटकता है. भक्तों के मुताबिक लोगों को भले ही हैरानी होती हो, लेकिन य सच है कि इस मंदिर में देवी मां के चरणों में चढ़ाया गया नारियल अगर चटक जाता है तो मन की मुराद जरूर पूरी हो जाती है, चाहे वह नौकरी-व्यापार से जुड़ी समस्या हो या फिर किसी की संतान या परिवार से जुड़ी हुई मुराद.


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मंदिर की पुजारिन लज्जावती के मुताबिक यहां रोजाना सैकड़ो भक्त देवी मां के चरणों में नारियल चढ़ाकर अपनी-अपनी अर्जी लगाते हैं. जिन भक्तों की मनोकामना पूरी होनी होती है, तीन दिनों के अंदर माता के चमतकार से उनका नारियल चटक जाता है. फिर वहीं नारियल भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. लेकिन जिनकी मनोकामना पूरी नहीं होनी होती, उनका नारियल महीनों और सालों तक ऐसा ही रखा रहता और वह नहीं फूटता.


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पुजारिन ने बताया कि कई बार तो भक्तों का नारियल उनके सामने ही चटक जाता है. पुजारिन के मुताबिक वह और मंदिर आये हुए भक्त अक्सर नारियल को चटकते हुए देखते हैं. पुजारिन ने बताया कि कई लोग तो फोन से नारियल चढ़वाकर अर्जी लगवाते हैं. फिर जब उनका नारियल चटकता है तो मंदिर की पुजारिन उन्हें नारियल चटकने की सूचना दे देती है.


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