Barabanki: बाराबंकी दुनिया को बताएगा थैंक्यू बोलकर कैसे रहें खुश,जानिए क्या है हैप्पीनेस थ्रू ग्रेटिट्यूड
Barabanki: आजकल लोगों में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां तक की तनाव में लोग गलत कदम भी उठा लेते हैं. मेंटल प्रेशर लोगों की सेहत के साथ रिश्तों को भी खत्म करता है. बाराबंकी में जिला प्रशासन सामाजिक संगठनों की मदद से थैंक्यू बोलकर या आभार जताकर खुश रहने की ट्रेनिंग लोगों को दे रहा है.
नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: रोज की भागदौड़ भरी जिंदगी में से अगर कोई कुछ सेकंड के लिए आभार विराम लेता है, तो वह तनाव मुक्त हो सकता है. आराम महसूस कर सकता है. न्यूरो-साइंस द्वारा भी यह सिद्ध किया गया है कि कृतज्ञता, खुशी महसूस करने और तनाव को कम करने में मदद कर सकती है. इसलिये रुकें, ध्यान दें और प्रशंसा करें. यानी इन 3Ps Pause, Pay Attetion, Praise के माध्यम से हम अपना तनाव तो कम ही करेंगे, साथ ही लोगों में खुशियां भी बांट सकेंगे. हैप्पीनेस थ्रू ग्रेटिट्यूड के मंत्र पर आधारित ऐसी ही जॉयशॉप की एक सीरीज बाराबंकी जिले में शुरू की गई,जिसका मकसद बाराबंकी को दुनिया में पहली ''कृतज्ञता की नगरी'' बनाना है.
इसी क्रम में बाराबंकी जिले में अधिकारी तनाव मुक्त रहें और जनता के साथ सेवा भाव से जुड़े उसके लिए आज डीआरडीए में ग्रेटिट्यूड जॉयशॉप का आयोजन किया गया. जनपद बाराबंकी प्रदेश में पहला जिला है, जहां इस तरह की पहल की गई है. यह जॉयशॉप ताराश्री और मुस्कान फाउंडेशन ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर आयोजित की. इसका मुख्य मकसद ग्रेटिट्यूड के माध्यम से अपने जीवन में खुशी लाने के तरीके जानना है. हैप्पीनेस थ्रू ग्रेटिट्यूड थीम पर आधारित आज की जॉयशॉप में सीडीओ एकता सिंह के नेतृत्व में जिले के सभी अधिकारी शामिल हुए. इस जॉयशॉप का संचालन ताराश्री और मुस्कान फाउंडेशन की फाउंडर विभा द्वारा किया गया.
बाराबंकी की सीडीओ एकता सिंह के मुताबिक इस जॉयशॉप का हिस्सा जो भी अधिकारी बने. अब वह पूरे जिले के अपने कार्यक्षेत्र में यह संदेश पहुंचाएंगे और उन्हें तनाव मुक्त रहने के टिप्स देंगे. इसके अलावा नए सत्र से सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को ग्रेटिट्यूड के माध्यम से पढ़ाई का तनाव कम करने के टिप्स दिए जाएंगे. वहीं ताराश्री और मुस्कान फाउंडेशन की फाउंडर विभा ने बताया कि इस अनूठी पहल के तहत आने वाले महीनों और वर्षों में जिले के अंदर ग्रैटिट्यूड जॉयशॉप की एक श्रृंखला शुरू की जाएगी. ये बाराबंकी में सरकारी अधिकारियों, सभी संवर्गों के कर्मचारियों, शैक्षणिक संस्थानों, छात्रों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संगठनों आदि के लिए होंगे. इसका उद्देश्य खुशी और कल्याण फैलाना है और अंततः बाराबंकी को दुनिया में पहली ''कृतज्ञता की नगरी'' बनाना है.
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