Kalyug Shravan Kumar: हम सभी ने बचपन में श्रवण कुमार की कहानी जरूर सुनी होगी. बावजूद इसे अपने जीवन में बहुत कम लोग ही इसे उतार पाते हैं. लेकिन कर्नाटक का एक लाल मल्टीनेशनल कंपनी से नौकरी छोड़ मातृ सेवा कर रहा है. कृष्‍ण कुमार नाम के शख्‍स स्‍कूटर से अपनी मां को भारत भ्रमण करा रहे हैं. बीते दिनों कृष्‍ण कुमार अपनी मां को लेकर तीर्थराज प्रयागराज पहुंचे. 


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...तो इसलिए मां को भारत भ्रमण का संकल्‍प लिया 
डॉ. दक्षिणमूर्ति कृष्ण कुमार कर्नाटक के मैसूर स्थित बोगादी के रहने वाले हैं. 42 वर्षीय कृष्ण कुमार एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर थे. मैसूर में 10 लोगों के संयुक्त परिवार में मां घर का सारा काम करती थी. एक दिन कंपनी से घर आकर मैंने कुछ प्रमुख मंदिरों के नाम गिनाते हुए मां चूड़ारत्नम्मा से पूछा कि मां कभी इन मंदिरों के दर्शन करने गई हो. इस पर मां चूड़ारत्नम्मा की आंखें भर आईं, मां ने कहा कि बेटा आज तक मैं अपने घर के पास वाले मंदिर भी नहीं जा सकी हूं, बस यही बात बेटे कृष्‍ण कुमार को छू गई और भारत भ्रमण का संकल्‍प लिया. 


अब तक 66 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी की 
कृष्‍ण कुमार पिछले पांच साल से आधुनिक श्रवण कुमार की भूमिका निभा रहे हैं. 73 वर्षीय मां को पिता की दी पुरानी स्कूटर से कृष्ण कुमार दुनिया का भ्रमण कराने निकले हैं. अब तक कृष्‍ण कुमार नेपाल, भूटान और म्‍यांमार समेत 66 हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. कृष्‍ण कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी यात्रा का कोई लक्ष्‍य नहीं यात्रा कब पूरी होगी यह भी नहीं पता, बस चलते जाना है. जितना हो मां को भ्रमण करा दूं. 


संगम में स्‍थान के बाद लेटे हनुमानजी का दर्शन किया 
बीते दिनों कृष्‍ण कुमार यूपी के प्रयागराज पहुंचे. यहां उन्‍होंने मां को संगम स्नान कराया और बंधवा स्थित लेटे हनुमान जी के दर्शन कराए. इस दौरान रात रामकृष्ण मिशन आश्रम में बिताकर अगली यात्रा की ओर रवाना हो गए. कृष्‍ण कुमार का कहना है कि वह अपनी मेहनत की कमाई से मां को सैर करा रहे हैं.  


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