Dungurpur News: डूंगरपुर में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, वॉल पेंटिंग कार्य की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप
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Dungurpur News: डूंगरपुर में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, वॉल पेंटिंग कार्य की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप

डूंगरपुर जिले की पंचायत समिति दोवड़ा में मनरेगा योजना में वॉल पेंटिंग कार्य की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं.

Dungurpur News: डूंगरपुर में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, वॉल पेंटिंग कार्य की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप

Dungarpur news: डूंगरपुर जिले की पंचायत समिति दोवड़ा में मनरेगा योजना में वॉल पेंटिंग कार्य की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं. जिस फर्म के नाम टेंडर खुला, उस फर्म के मालिक ने पंचायत समिति के प्रधान और बीडीओ पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी चहेती फर्म के टेंडर नहीं खुलने पर मोटी रकम लेकर टेंडर खुलने के बाद उसे गुपचुप तरीके से निरस्त कर दिया. फर्म मालिक ने जिला कलेक्टर और जिला परिषद सीईओ से मामले की शिकायत करते हुए जांच करवाने और कार्रवाई की मांग की है.

कमेटी ने दो फर्मों को किया क्वालिफाइड 
मामला डूंगरपुर जिले की दोवडा पंचायत समिति से जुडा है. पंचायत समिति की 34 ग्राम पंचायतों में मनरेगा में दीवार व नारा लेखन के लिए 23 अगस्त को टेंडर आमंत्रित किये थे. टेंडर अपलोड करने की अंतिम तिथि 5 सितंबर 24 तय थी.कुल तीन फर्मों ने टेंडर में भाग लिया था. कमेटी ने दो फर्मों को क्वालिफाइड भी किया. इसी दिन टेंडर खोलने थे, लेकिन टालमटोल कर प्रक्रिया नहीं की गई.

करीब तीन माह तक मामले को दफ्तर दाखिल करने के बाद तय अवधि 90 दिन की पूर्ण होने के दो दिन पूर्व 3 दिसंबर 24 को टेंडर खोले गए. जिसमें न्यूनतम दर पर नीलम आर्ट्स एंड कंस्ट्रक्शन को ठेका दिया गया, लेकिन 11 दिसंबर को विकास अधिकारी ने आदेश जारी कर अपरिहार्य कारणों का हवाला देकर टेंडर निरस्त कर दिया, इसकी सूचना भी फर्म को नहीं दी गई. पोर्टल पर अपलोड होने के बाद फर्म को इसकी भनक लगने पर पंचायत समिति में संपर्क करने पर गोलमोल जवाब दे दिया गया.

वाट्सएप पर हुई बातचीत 
फर्म का दावा है कि वर्क ऑर्डर पर कमेटी के विकास अधिकारी, लेखाधिकारी, एईएन आदि ने हस्ताक्षर किए, जबकि प्रधान ने दूरी बना ल. मामले में फर्म संचालक ने पंचायत समिति के एईएन से मोबाइल वाट्सएप पर हुई बातचीत के संदेश सहित अन्य दस्तावेज पुलिस प्रशासन को देकर कार्रवाई की मांग की हैं. जिसमे प्रधान द्वारा अपनी चहेती फर्म से 5 लाख रूपये लेने की बात भी लिखी गई है. इधर इस पुरे मामले में जिला परिषद सीईओ से पूछा गया तो उन्होंने मामले की जांच करवाने की बात कही है.

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