प्रयागराज/मो.गुफरान: प्रयागराज महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से बच्चों को ले जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है.मौलाना अब्दुर्रब समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. अनधिकृत तरीके से बच्चों को ले जाने के मामले में ये मुकदमा जीआरपी की तरफ से दर्ज कराया गया है. गुरुवार को महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से रेस्क्यू करके 21 नाबालिग बच्चों को जीआरपी ने छुड़ाया था. मदरसे में पढ़ाई के नाम पर बच्चों को ले जाया जा रहा था.


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प्रयागराज जंक्शन पर आरपीएफ और जीआरपी ने बिहार से आ रहे करीब तीन दर्जन बच्चों को महानंदा एक्सप्रेस से रेस्क्यू किया गया. ये मामला मानव तस्करी का बताया जा रहा है. हालांकि जीआरपी मामले की छानबीन में जुटी हुई है. CWC (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) के अध्यक्ष ने सभी बच्चों का बयान दर्ज किया और मामला मानव तस्करी का बताया जा रहा है. 


इस मामले में आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा आज देश की स्थिति बहुत ही खराब चल रही है. यदि आप विचार करें तो बहुत ही गड़बड़ स्थिति है या कि इस्लाम प्रभावित पूरे देश को करना चाहते हैं. अब छोटे-छोटे बच्चों को ले जाकर मदरसों में दाखिल कराने और इस्लाम की शिक्षा दें या मुसलमानों का जो उद्देश्य है देश के लिए बहुत ही घातक है. इसलिए हमारी सरकार को और देश के लोगों को इस पर सोचना पड़ेगा. इन लोगों का उद्देश्य भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना. चाहते हैं इसको लेकर जो कुछ आतंकवादी पकड़े भी गए हैं. वह लोगों ने अपना उद्देश्य बताएं और  इस पर सरकार को और आम जनमानस के लोगों को भी विचार करना चाहिए जिससे इस कि निजात मिल सके.


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बच्चों को लालच देकर ले जाया रहा था मदरसा
महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से नाबालिग बच्चों को मदरसा ले जाने के मामले में चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. बच्चों को लालच देकर मदरसे में ले जाया जा रहा था. सरकारी स्कूलों से बच्चों का नाम कटवाकर ले जाया जा रहा था. नाबालिग बच्चों और उनके परिजनों को सब्जबाग दिखाकर मदरसा ले जाया जा रहा था. बेहतर सुविधा और सहूलियत के नाम पर बच्चों और परिजनों को गुमराह किया जा रहा था.


पूछताछ में हुए कई खुलासे
ये सब चौंकाने खुलासे बाल कल्याण समिति की पूछताछ में सामने आए हैं. गुरुवार को प्रयागराज जंक्शन पर जीआरपी और आरपीएफ ने महानंदा एक्सप्रेस से रेस्क्यू किया था. रेस्क्यू में छुड़ाए गए 21 नाबालिग बच्चों को बाल कल्याण समिति ने शेल्टर होम भेज दिया है. जानकारी के मुताबिक बिहार के दो अलग-अलग हिस्सों से बच्चों को फतेहपुर और दिल्ली के मदरसों में ले जाने तैयारी थी.


बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े लोगों ने आरपीएफ को महानंदा एक्सप्रेस से 4 संदिग्ध लोगों के साथ बड़ी संख्या में बच्चों के सफर करने की सूचना दी थी. मामला संदिग्ध होने की सूचना दी गई थी. जैसे ही महानंदा एक्सप्रेस प्रयागराज जंक्शन पर पहुंची, आरपीएफ और जीआरपी ने ट्रेन की बोगी से 4 संदिग्धों के साथ कुल 33 बच्चों को ट्रेन से उतार लिया। इसमें से 21 बच्चे नाबालिग हैं.


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