लखनऊ: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि असदुद्दीन ओवैसी पर हमला करने वालों को योगी केमंत्री द्वारा निर्दोष बताना भाजपा-आरएसएस और ओवैसी की मिलीभगत का सबूत है. कांग्रेस नेता ने कहा कि योगी के निर्देश पर ही उनके नेता आरोपियों के घर गए. यह योगी सरकार के गुंडाराज खत्म करने के दावे की पोल खोलता है. योगी कानून व्यवस्था दुरुस्त होने का दावा करते हैं और उनके मंत्री गोली चलाने वालों के घर जाकर उन्हें निर्दोष बताते हैं.


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उन्होंने आरोपियों के घर योगी के मंत्री सुनील भराला के जाने पर निशाना साधते हुए कहा कि योगी के निर्देश पर उनके मंत्री आरोपियों के घर मिलने जा रहे हैं, जबकि ओवैसी संसद में इसे जानलेवा हमला बताते हुए जवाब मांगते हैं. चुनाव से पहले गोली चलने और अब आरोपियों के घर भाजपा नेताओं के जाने से स्पष्ट है कि ओवैसी बीजेपी के लिए ध्रुवीकरण की पिच तैयार करने का काम कर रहे हैं. वह आरएसएस-बीजेपी की पटकथा के हिसाब से काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ओवैसी और भाजपा-आरएसएस मिलीभगत कर जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं.


राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा और आरएसएस दोमुहा सांप बनकर देश प्रदेश को बर्बाद करने पर जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि अभी कुछ ही दिन पहले भाजपा के सांसद बृजभूषण सिंह ने ओवैसी को अपना मित्र बताते हुए भगवान श्रीराम का वंशज बताया और कहा कि ओवैसी ईरानी नहीं क्षत्रिय हैं. आरएसएस जवाब दे कि वह अपने सासद के बयान से सहमत है? राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि ओवैसी भाजपा की बी टीम के रूप में उत्तर प्रदेश में काम कर रहे हैं, अन्य राज्यों में भी उन्होंने यही किया है. भाजपा और आरएसएस का काम ही यही कि चुनाव के समय ध्रुवीकरण करो और देश-प्रदेश के विकास की बात करने के बजाय मतदाताओं को धर्म जाति संप्रदाय के नाम पर बरगलाओ.


उन्होंने कहा कि योगी सरकार कानून व्यवस्था के झूठे सपने दिखाते ही रह गई और उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले टोल प्लाजा पर खुलेआम ओवैसी की गाड़ी पर गोली चलाई गई, आरोपी पकड़े भी गए और अब जब दोनों चरणों के चुनाव खत्म हो चुके हैं, तब योगी सरकार के मंत्री आरोपियों के घर मिलने जा रहे हैं, उनको निर्दोष बता रहे हैं और अपने परिवार का हिस्सा बताते हुए आरोपियों को कानूनी सुरक्षा देने की बात कर रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि सरकार हमलावरों का साथ दे रही है.


"लचर पैरवी से हुई टेनी के बेटे की रिहाई"
उन्होंने कहा कि अभी कुछ ही दिन बीते हैं, जब लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र की रिहाई लचर पैरवी के चलते हुई. मंत्री के पुत्र पर हत्या के आरोपों के बावजूद उन्हें पद से नहीं हटाया गया. मंत्री का बेटा था इसलिए रिहा हो गया, लेकिन वहां के किसान अभी भी जेल में है. क्या न्याय का दम तोडना इसी को कहते है ? 'न्यायालय का आदेश के पीछे उत्तर प्रदेश सरकार नहीं छुप सकती 4 दिन बाद भी योगी सरकार मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्र की बेल के खलिाफ उच्चतम न्यायालय क्यों नहीं गयी? आखरि उप्र के एडवोकेट जनरल ने मामले में बहस क्यों नहीं की? क्या नरसंहार के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र टेनी के खलिाफ केस को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है?


उन्होंने कहा कि पांच वर्ष तक योगी सरकार ने कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर सिर्फ झूठ परोसा है. विज्ञापनजीवी इस सरकार में सबसे ज्यादा मर्डर, बलात्कार, दलितों के शोषण की घटनाएं हुईं। गरीब किसान, महिला, युवा समेत कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार पूरी तरह से विफल रही है, लेकिन बेशर्मी की बात है कि मुख्यमंत्री मंचों से झूठे दावे करते हैं.


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